वाशिंगटन, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत चीनी एयरलाइंस को उसकी अमेरिका आने-जाने वाली उड़ानों के लिए रूसी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल बंद करने की बात कही गई है।
अमेरिकी परिवहन विभाग (यूएसडाट) ने बताया कि यह कदम अमेरिकी एयरलाइंस को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए है। चीनी एयरलाइंस रूस के ऊपर से उड़कर कम समय और ईंधन में अमेरिका पहुंच रही हैं, जिससे उन्हें फायदा हो रहा है।
गाैरतलब है कि यह प्रस्ताव 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका द्वारा उठाए जाने वाले कड़े कदमाें का ही हिस्सा हैं। उस समय अमेरिका ने रूसी विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में आने से रोक दिया था। जवाब में रूस ने अमेरिकी और पश्चिमी एयरलाइंस को अपने आसमान से उड़ने पर पाबंदी लगा दी। लेकिन चीनी एयरलाइंस पर कोई रोक नहीं लगी जिससे वह सस्ते और जल्दी पहुंचने वाले रास्तों का इस्तेमाल कर रही हैं।
यूएसडाट के मुताबिक “यह नाइंसाफी अमेरिकी एयरलाइंस के लिए नुकसानदेह है।” इस प्रस्ताव से चीनी और अमेरिकी एयरलाइंस के बीच प्रतिस्पर्धा को बराबर करने की कोशिश की जा रही है।
इससे एयर चाइना, चाइना ईस्टर्न और चाइना सदर्न जैसी कंपनियां प्रभावित हों सकती हैं।
चीनी एयरलाइंस को इस बाबत दो दिन में जवाब देना है। यह नियम नवंबर से लागू हो सकता है। इस बीच वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास एवं अमेरिकी एयरलाइंस ने इस बाबत अभी कोई टिप्पणी नहीं की। यह कदम अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के बीच आया है, जबकि बोइंग चीन के साथ 500 विमानों की बिक्री की बात कर रहा है।
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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल
