
–भारत अपने अन्य व्यापार साझेदारों से अपने रिश्ते को मजबूत करे
प्रयागराज, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । स्वराज विद्यापीठ प्रयागराज की ओर से “ट्रंप, टैरिफ और भारतीय अर्थव्यवस्था“ पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता यूइंग क्रिश्चियन महाविद्यालय, अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि ट्रंप की प्रशुल्क सम्बंधी नीतियां वैश्विक व्यापार ढांचे को अव्यवस्थित कर रही हैं। इससे वैश्विक व्यापार व्यवस्था की अनिश्चितता बढ़ रही है। बहुपक्षीय वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में अमेरिका की भूमिका कम होने का यह संकेत है।
प्रोफेसर सिंह ने कहा कि भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका से उसका समझौता घरेलू अर्थव्यवस्था और निर्यात पर किस प्रकार प्रभाव डालेगा। यदि प्रशुल्क बढ़ने के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आती है तो इसका असर भारत पर भी पड़ेगा। लेकिन वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था में घरेलू सूचक काफी बेहतर है। इसलिए संवृद्धि दर 6 से 6.5 प्रतिशत बनी रहेगी। यह एक अवसर है कि भारत अपने अन्य व्यापार साझेदारों से अपने रिश्ते को मजबूत करे। प्रो सिंह ने कहा कि इस समय भारत को अपनी क्षमताओं को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए और साथ ही समान सोच वाले देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
प्रोफेसर कृष्ण स्वरूप आनंदी ने कहा कि भारत को अल खतरा चीन से है। चीन ने जिस प्रकार से रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात को रोका है और भारत में आईफोन की निर्माता कम्पनी फॉक्स फोन के इंजीनियरों को जिस प्रकार से बुलाया है, भारत को अपने नीतियों और उपायों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ स्वप्निल श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियां न सिर्फ अनिश्चितता और अविश्वास उत्पन्न करती हैं, यह वैश्विक व्यवस्था के लिए चिंता का सबब हैं। प्रोफेसर आर सी त्रिपाठी ने कहा कि ट्रंप की नीतियां विश्व व्यापार संगठन के लिए खतरा है जो कि अंततः बहुराष्ट्रीय कंपनियों को नुकसान पहुंचाएगा। आधुनिक विकास जिस तरह से प्रकृति का विनाश कर रहा है और आमजन का शोषण कर रहा है, उसके लिए आवश्यक है कि हम एक वैकल्पिक विकास का मार्ग चुनने की ओर आगे बढ़े।
संचालन डॉ स्वप्निल श्रीवास्तव ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर आर सी त्रिपाठी ने किया। संगोष्ठी में श्रोताओं ने अनेक प्रश्न भी पूछे, जिसका मुख्य वक्ता ने उत्तर दिए। कार्यक्रम में प्रो राम प्रकाश सिंह, प्रो. बी. राय, वरिष्ठ साहित्यकार श्रीप्रकाश मिश्र, सुमन शर्मा, डॉ कैलाशनाथ पाण्डेय, शिविका मिश्रा, अंकिता पांडे, अमीवर्स सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
