West Bengal

पीएम मोदी के बंगाल दौरे के बाद तृणमूल ने किया पलटवार

तृणमूल की प्रेस कॉन्फ्रेंस

कोलकाता, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । दुर्गापुर की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बंगालियों से सीधे जुड़ाव के लिए भाषण की शुरुआत बांग्ला में की, तब से ही इस पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। तृणमूल कांग्रेस ने इस भाषण पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री से तीखा सवाल किया है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी, आपने भाषण की शुरुआत बांग्ला में की, बहुत अच्छा किया। लेकिन अब आपको भी कहीं डिटेंशन कैंप में तो नहीं भेजा जाएगा?

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि बड़ोरा आमार प्रणाम नेबेन, छोटोरा भालोबाशा। जय मां काली, जय मां दुर्गा। उनके इस अंदाज़ को तृणमूल कांग्रेस ने ‘खांटी बांगाली’ शैली करार देते हुए भाजपा की बंगाल नीति पर व्यंग्य किया है।

कुणाल घोष ने सवाल किया है कि जब प्रधानमंत्री खुद बंगाली बोल सकते हैं, तो फिर आम बंगाली मज़दूरों को बांग्ला बोलने की सज़ा क्यों दी जा रही है? तृणमूल ने इसे ‘दोहरे मापदंड’ बताते हुए कहा कि बंगाल में वोट के लिए बांग्ला का इस्तेमाल और दूसरे राज्यों में उसी भाषा को अपराध की तरह देखा जाना शर्मनाक है।

घोष ने यह भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने राम मंदिर उद्घाटन को लेकर जोरदार प्रचार किया था। बंगाल में भी रामनाम की राजनीति को तेज़ किया गया था। लेकिन दुर्गापुर की सभा में राम का नाम नहीं लेकर सिर्फ मां काली और मां दुर्गा को याद करना, भाजपा की बदलती रणनीति की ओर इशारा करता है।

इस मुद्दे पर कुणाल घोष के साथ मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी थीं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बंगाल में आकर सिर्फ चुनावी लाभ के लिए बांग्ला बोलना, और दूसरी जगहों पर बांग्ला बोलने वालों को सताना—यह दोहरी राजनीति अब नहीं चलेगी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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