West Bengal

खड़गपुर में बुजुर्ग को बीच सड़क पर पीटने के मामले में तृणमूल नेत्री घिरी

अनिल दास

पश्चिम मेदिनीपुर, 30 जून (Udaipur Kiran) । जिले के खड़गपुर शहर में सोमवार सुबह एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां एक बुजुर्ग को दिनदहाड़े सड़क पर फेंक कर बेरहमी से पीटने का आरोप तृणमूल कांग्रेस की महिला नेता बेबी कोले और उनके सहयोगियों पर लगा है। हमले का शिकार हुए व्यक्ति का नाम है। अनिल दास उर्फ भीम दा, जो किसी समय माकपा से जुड़े थे, लेकिन अब ‘हम बामपंथी, खड़गपुर’ नामक संगठन से जुड़े हैं।

अनिल दास ने आरोप लगाया है कि कुछ दिन पहले उनके पड़ोसी दुर्गा साहू के घर की दीवार तोड़ दी गई थी और शौचालय बंद कर दिया गया था। इसका विरोध उन्होंने किया और दुर्गा साहू को लेकर थाने पहुंचे, जहां तृणमूल नेता बेबी कोले के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज करवाई गई। इसी शिकायत का बदला लेने के लिए सोमवार को उनके ऊपर हमला किया गया।

अनिल दास का कहना है कि मुझे पहले सड़क पर गिराकर चप्पलों से पीटा गया। जब जान बचाने के लिए मैं पास की रंग की दुकान में घुसा, तो वहां भी रंग की बाल्टी से मारा गया और शरीर पर रंग उड़ेल दिया गया।

इस घटना को लेकर उन्होंने खड़गपुर टाउन थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही उन्होंने बेबी कोले की गिरफ्तारी की मांग की है।

घटना की निंदा तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और खड़गपुर के पूर्व विधायक प्रदीप सरकार ने भी की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अरूप दास ने कहा कि एक वरिष्ठ नागरिक के साथ इस तरह की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।

घटना के बाद तृणमूल की जिला इकाई भी बेबी कोले से दूरी बना रही है। जिलाध्यक्ष सुजय हाजरा ने कहा कि बुजुर्ग अनिल दास के साथ जो हुआ, वह अत्यंत निंदनीय है। बेबी कोले समेत जो भी इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पार्टी ऐसे किसी व्यक्ति का समर्थन नहीं करेगी।

स्थानीय सूत्रों का दावा है कि बेबी कोले पहले भाजपा से जुड़ी थीं और 2022 के अंत में तृणमूल में शामिल हुईं। उन पर पहले भी तीन महिलाओं से काम दिलाने के नाम पर 50-50 हजार रुपये लेने का आरोप लग चुका है। महिलाओं के साथ बदसलूकी और मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के भी आरोप हैं। हालांकि, इन मामलों में अभी तक किसी ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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