Uttar Pradesh

आकाशदीप से जगमगाया असि घाट,शहीदों और पहलगांव में मारे गए पर्यटकों को दी गई श्रद्धांजलि

असिघाट पर आकाशदीप जलाने का कार्यक्रम

—गंगा सेवा समिति कश्मीर में शांति के लिए पूरे कार्तिक माह दीप जलायेगी

वाराणसी,07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी) में परलोक के पुण्य पथ पर गतिमान दिवंगत आत्माओं का मार्ग हमेशा रोशनी से भरपूर रहे। इसी सोच के साथ काशी के गंगा घाटों पर पूरे कार्तिक माह आकाशदीप टिमटिमाते नजर आएंगे। मंगलवार शाम असिघाट पर गंगा आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा समिति के विकास पाण्डेय ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि पौराणिक ग्रंथों में आकाशदीप की आध्यात्मिक मान्यता भी दर्ज है। ग्रंथों के अनुसार आकाश परम ब्रह्मा परमात्मा का प्रतीक है। बांस की पिटारी में प्रयुक्त खपच्चियां जीवात्मा के वजूद को दर्शाती हैं। पिटारी में टिमटिमाता दीप आस्था के संगम को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि पहलगांव में मारे गए दिव्यांग पर्यटकों की आत्मा की शांति और उनकी याद में दीप जलाया गया। गंगा सेवा समिति पूरे कार्तिक माह प्रतिदिन यह दीप जलायेगी।

—दशाश्वमेधघाट पर बुधवार शाम से आकाशदीप जलाने की शुरूआत

पिछले तीन दशकों से राष्ट्र के अमर वीर योद्धाओं की स्मृति में दशाश्वमेधघाट पर आकाशदीप जलाने वाली संस्था गंगा सेवा निधि इस वर्ष भी बुधवार शाम (08 अक्टूबर)से इसकी शुरूआत करेगी। निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्र के अमर वीर योद्धाओं को नमन करते हुए उनकी स्मृति में संपूर्ण कार्तिक मास (08 अक्टूबर से 05 नवम्बर, 2025) में दशाश्वमेध घाट पर आकाशदीप प्रज्ज्वलन शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित है। यह कार्यक्रम अनवरत प्रत्येक कार्तिक मास में होता आ रहा है तथा सम्पूर्ण कार्तिक मास देश के अमर वीर योद्धाओं की स्मृति में आकाशदीप जलाया जाता है। आकाशदीप की परिकल्पना के साथ देश भक्ति को कारगिल युद्ध विजय काल से गंगा सेवा निधि अमर शहिदों के पुण्य स्मृति में आकाशदीप संकल्प का विस्तारीकरण एवं राष्ट्रीय रूप दिया था। तीन दशकों की इस परम्परा के अनुरूप सम्पूर्ण कार्तिक मास जलेंगे दिये। आकाशदीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम में भारतीय थल सेना, वायु सेना, जल सेना, सी.आर.पी.एफ., एनडीआरफ ,आर पीएफ,सीआईएसएफ, पुलिस फोर्स इन्डो-तिब्बतियन बार्डर पुलिस, सीमा सुरक्षा बल एवं शहीदों की स्मृति में आकाशदीप प्रज्ज्वलित किये जायेंगे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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