
शिमला, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने और किसानों को मजबूत करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। केंद्र सरकार की ‘आत्मा योजना’ के तहत पिछले तीन वर्षों में 51.20 लाख किसानों को प्रशिक्षण और फार्म स्कूल के जरिए खेती के नए तरीके सिखाए गए हैं। यह योजना 2005 से लागू है और इसका मकसद किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों से अवगत कराना है।
ये जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने संसद में राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार द्वारा पूछे सवाल के जवाब में दी।
सिकंदर कुमार ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से पूछा कि क्या सरकार ने वैज्ञानिक प्रसार, सतत खेती और किसान सशक्तिकरण के लिए कोई अभियान शुरू किया है? साथ ही यह भी पूछा कि क्या पंचायत स्तर पर किसानों को प्रशिक्षण देने की कोई योजना है और क्या किसानों को रसायन मुक्त खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है?
इस पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने बताया कि ‘प्रयोगशाला से खेत तक’ के विजन को मजबूत करने के लिए देशभर में 29 मई से 12 जून 2025 तक ‘कृषि संकल्प अभियान’ चलाया गया। इस अभियान का मकसद खरीफ मौसम में किसानों को नई और उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी देना और सरकार की योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। साथ ही किसानों के सुझाव और नवाचार भी एकत्रित किए गए।
उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत 731 कृषि विज्ञान केंद्र देशभर में काम कर रहे हैं। ये केंद्र किसानों को आधुनिक और वैज्ञानिक खेती के तरीकों पर प्रशिक्षण देते हैं। पिछले तीन वर्षों में इन केंद्रों ने 59.66 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया है।
इसके अतिरिक्त केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन’ भी चला रही है। इस योजना के तहत किसानों को रसायन मुक्त खेती के तरीकों, जैविक मिश्रण और अन्य प्राकृतिक सामग्री की तैयारी पर व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे किसानों को सुरक्षित, स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल खेती करने में मदद मिलती है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
