

भाेपाल, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । देश भर में ईडी की तर्ज पर राज्यों में आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली मध्य प्रदेश पुलिस की ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) एजेंसी के पास इंस्पेक्टर और प्रधान आरक्षकों का टोटा है। इसको लेकर प्रदेश के सभी जिलों से अच्छी छवि वाले तथा अच्छा रिकार्ड रखने वाले इंस्पेक्टर और प्रधान आरक्षकों की मांग की है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के डीजी उपेन्द्र जैन ने बाकायदा इसके लिए पत्र जारी किया है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के डीजी (महानिदेशक) उपेंद्र जैन ने भोपाल और इंदौर के पुलिस कमिश्नर तथा सभी जिलों और पुलिस इकाइयों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर कहा है कि ईओडब्ल्यू में नए अधिकारियों और कर्मचारियों की पदस्थापना की जानी है। ईओडब्ल्यू की जिला और संभाग स्तर पर काम कर रही यूनिट्स में इंस्पेक्टर और प्रधान आरक्षक के पद रिक्त हैं। इसलिए अगर किसी एसपी या पुलिस कमिश्रर के क्षेत्र में पदस्थ पुलिस कर्मचारी ईओडब्ल्यू में कार्य करने के इच्छुक हों तो ऐसे कर्मचारियों के नाम सहमति के साथ एक सप्ताह में डीजी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मुख्यालय भोपाल भेजे जाएं। संबंधित अधिकारी और कर्मचारी का आवेदन और बायोडेटा भी साथ भेजने के लिए कहा गया है।
मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) जो देश भर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तर्ज पर आर्थिक अपराधों की जांच करती है, को अपनी जांच में आवश्यक जनशक्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ईओडब्ल्यू, जिसे आर्थिक अपराधों की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण एजेंसी माना जाता है, को अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से निभाने के लिए पर्याप्त संख्या में कुशल अधिकारियों और कर्मचारियों की आवश्यकता है। इस कमी के कारण, ईओडब्ल्यू की जांच की गति और दक्षता प्रभावित हो सकती है, जिससे आर्थिक अपराधों की प्रभावी रोकथाम और अपराधियों को सजा दिलाने में चुनौतियां आ सकती हैं।
EOW डीजी ने यह शर्त रखी
– जिन पुलिस कर्मचारियों के नाम EOW में पदस्थापना के लिए प्रस्तावित किए जाएं उनकी छवि और रिकार्ड अच्छा हो
– अधिकारी की अगले तीन वर्षों में पदोन्नति की संभावना न हो
– अच्छी छवि व अच्छे रिकार्ड वाले पुलिसकर्मी की डिमांड
– EOW में जांच के लिए इंस्पेक्टर और प्रधान आरक्षकों का टोटा
– रिक्त पदों की भरपाई के लिए यह व्यवस्था की जा रही
– आर्थिक अपराधों के इन्वेस्टिगेशन में तेजी लाई जा सके
– देश मे ED तो राज्यों में EOW एजेंसी करती है जांच
– बड़े मामलों में ED का होता है दखल
– राज्य के घपले-घोटाले पर EOW की रहती है नजर
मामले में राजनीति हुई तेज
वहीं दूसरी तरफ इस मामले में बीजेपी- कांग्रेस आमने सामने आती दिखाई दे रही है। कांग्रेस मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने रविवार काे मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर जवाब में कहा है कि इससे साफ जाहिर होता है कि मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार की चरम सीमा नहीं है। इधर बीजेपी प्रवक्ता अजय यादव ने पलटवार करते हुए कहा है कि हमारे यहां ये प्रक्रिया सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कांग्रेस की तो इल्जाम लगाने वाली आदत हैं ।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
