
रामगढ़, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । रामगढ़-रांची मुख्य मार्ग पर मौत की घाटी से प्रसिद्ध हो चुकी चुट्टुपालू घाटी अपने श्राप से मुक्त हो सकती है। एनएचएआई के अधिकारी लगातार इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं। एनएचएआई के अधिकारी चुट्टूपालू घाटी की सड़क के एलाइनमेंट को लेकर कई बार चर्चा कर चुके हैं। डीसी और एसपी ने भी घाटी में हो रही दुर्घटनाओं के लिए सड़क के एलाइनमेंट को गलत करार दिया था। यहां तक कि रामगढ़ जिले के कई सामाजिक संगठनों ने भी सड़क निर्माण में गलत एलाइनमेंट करने का आरोप लगाया था। इन सभी आरोपों पर लगभग 11 वर्ष बाद ही सही, एनएचएआई ने बड़ी पहल की है। घाटी की सड़क को दोबारा बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया गया है। लगभग 5 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक दुर्घटना संभावित क्षेत्र को बदलने का प्रयास किया जाएगा।
चुट्टुपालू से मुर्रामकला तक बनेगी सड़क
घाटी का एलाइनमेंट को ठीक करने के लिए चुट्टुपालू से मुर्रामकला तक सड़क बनाई जाएगी। इस पर एनएचएआई के अधिकारी और कर्मचारी लगातार काम कर मैपिंग कर रहे हैं। एनएचएआई के अधिकारीअपनी रिपोर्ट में यह भी दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि दुर्घटना की मुख्य वजह क्या है।
घाटी में लगेगा हाई रेिजोल्यूशन कैमरा
एनएचएआई चुट्टुपालू घाटी में छह जगहों पर हाई रेजोल्यूशन कैमरा लगाएगा। इस कैमरे में घाटी से गुजरने वाली गाड़ियों को देखकर ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट बनाया जाएगा। गाड़ियां किस गति से चल रही हैं और एक्सीडेंटल जोन में वास्तव में क्या होता है इसका पता लगाया जाएगा। किस कारण से दुर्घटना होती है इस पर पूरी निगरानी रखी जाएगी। सड़क का एलाइनमेंट कहां खराब है इसकी रिपोर्ट भी बनेगी। दुर्घटना रोकने के लिए सभी संभावित कार्य किए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश