
कानपुर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए उत्तर प्रदेश का विकसित होना आवश्यक है, क्योंकि यह राज्य देश की कुल जनसंख्या का पांचवा हिस्सा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2047 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था छह ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश की जीडीपी में लगातार हो रही वृद्धि इस दिशा में मजबूत संकेत है। पिछले आठ वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था में 2.2 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। यह बातें गुरुवार को मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं सेवानिवृत्त आईएएस अवनीश कुमार अवस्थी ने कही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत @2047 संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के अंतर्गत आज सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में दो सत्रों में संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त आईएफएस बाबूराम अहिरवार, सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. चुन्ना सिंह तथा कृषि विभाग के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. शंकर सिंह ने प्रबुद्धजनों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उनके साथ अपर मुख्य सचिव एवं जनपद के नोडल अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव, जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह एवं मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन उपस्थित रहे।
आईएएस अवनीश अवस्थी ने बताया कि 1970 के दशक में उत्तर प्रदेश की औसत प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का 82.04 प्रतिशत थी, जो 2017-18 में घटकर 50.03 प्रतिशत रह गई थी लेकिन वर्तमान सरकार के प्रयासों से इसमें लगातार सुधार हुआ है और 2024-25 के अंत तक लगभग 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति दे रही है। गेहूँ, चावल, गन्ना और दूध उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
उद्यमियों और व्यापारिक संगठनों के सुझाव
प्रथम सत्र में उपस्थित उद्यमियों और व्यापारिक संगठनों ने प्रदेश की औद्योगिक प्रगति को तेज करने और व्यापार विस्तार के लिए अनेक ठोस सुझाव प्रस्तुत किए। आदर्श अग्रवाल, अध्यक्ष पीआईए ने कक्षा 12 तक औद्योगिक एवं व्यवसायिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने की बात कही ताकि युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा मिल सके। संदीप अवस्थी, अध्यक्ष लघु उद्योग भारतीय ने ओडीओपी योजना में लेदर के साथ अन्य उत्पादों को बढ़ावा देने और छोटे व मध्यम उद्योगों को सब्सिडी देने का अनुरोध किया। लाडली प्रसाद, आईयूबी, कानपुर नगर ने हाउस टैक्स में छूट, औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे जैसे सीवर, बिजली और सड़क की बेहतर व्यवस्था तथा एमएसएमई उत्पादों को निर्यात योग्य बनाने पर जोर दिया।
उमंग अग्रवाल, एफआईटीए ने औद्योगिक और व्यापारिक एसोसिएशनों को आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने, सभी परियोजनाओं की जिलाधिकारी स्तर से निगरानी और जीएसटी संग्रहण में सुधार की बात कही। उन्होंने जाजमऊ से गंगा बैराज तक रिवर फ्रंट निर्माण और शहर में जाम की समस्या का समाधान करने का भी सुझाव दिया। शिव कुमार गुप्ता, अध्यक्ष यूपी इंडस्ट्रियल स्टेट ने लीज रेंट को सरल बनाने और फ्री होल्ड लीज डीड लागू करने की आवश्यकता जताई ताकि नए उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके।
महिला समूहों एवं श्रमिक संगठनों के साथ संवाद
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में महिला समूहों एवं श्रमिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श हुआ। राष्ट्रीय, राज्य पुरस्कार प्राप्त महानुभावों और विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त बुद्धिजीवियों ने भी अपने सुझाव साझा किए।
अवनीश अवस्थी ने कहा कि उद्यमियों, महिला समूहों और श्रमिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी से ही कानपुर का चौमुखी विकास संभव है। उन्होंने जनता से अपील की कि अधिक से अधिक सुझाव samarthuttarpradesh.up.gov.in पोर्टल और क्यूआर कोड के माध्यम से दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि उद्योग, व्यापार और समाज के हर वर्ग का सुझाव प्रदेश और देश की नीतियों को अधिक सशक्त बनाने में सहायक होगा।
कार्यक्रम में दोनों सत्रों के दौरान विभिन्न हितधारकों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि क्यूआर कोड के माध्यम से सभी सुझाव शासन तक सीधे पहुंचेगे और जनभागीदारी से ही विकसित उत्तर प्रदेश का खाका तैयार होगा।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
