
नई दिल्ली, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । देश में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की गुणवत्ता बेहतर बनाने और समय पर पूरा करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने निविदा प्रक्रिया (आरएफपी) से जुड़े नियम और सख्त कर दिए हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि इन बदलावों का उद्देश्य परियोजनाओं की लागत कम करना, सही योग्यता वाले ठेकेदारों को मौका देना और पैसों से जुड़ी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है।
नए नियमों के तहत ठेकेदारों के लिए “समान काम” को परिभाषित कर दिया गया है। अब वही कंपनियां बोली लगा पाएंगी, जिन्होंने पूरी राजमार्ग परियोजना का अनुभव लिया हो। इससे वे ठेकेदार बाहर हो जाएंगे जो केवल छोटे-मोटे काम का अनुभव दिखाकर बड़े प्रोजेक्ट ले लेते थे।
एनएचएआई ने कहा कि हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल (एचएएम) और टोल की निर्माण–संचालन–हस्तांतरण (बीओटी) परियोजनाओं में बिना अनुमति नए ठेकेदार लगाना या तय सीमा से ज्यादा काम उप-ठेके पर देना गलत माना जाएगा और इसके लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, बोली लगाने वाली कंपनियां अब किसी तीसरे पक्ष से गारंटी या सुरक्षा कागज नहीं दे पाएंगी। केवल वही गारंटी मानी जाएगी जो बोली लगाने वाली कंपनी या उसकी अधिकृत इकाई ने दी हो। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जिम्मेदारी सीधे उसी कंपनी की होगी और वित्तीय दायित्व भी भरोसेमंद तरीके से पूरे होंगे।
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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
