West Bengal

टीएमसी ने लगाया मतदाता सूची में ‘साइलेंट रिगिंग’ का आरोप

कोलकाता, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने गुरुवार को भाजपा और चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दावा किया कि राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास से पहले मतदाताओं के नाम सुनियोजित साजिश के तहत हटाए जा रहे हैं।

पार्टी के प्रवक्ता और राज्य महासचिव कुणाल घोष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि टीएमसी ने वर्ष 2002 की मतदाता सूची और हाल ही में आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई सूची के बीच “चौंकाने वाले अंतर” पाए हैं।

घोष ने कहा, “यह साइलेंट रिगिंग है। एक क्षेत्र में 2002 की सूची में 717 मतदाता थे, अब केवल 140 दिख रहे हैं। क्या इतने लोग एक साथ मर गए? कई बूथों में सैकड़ों नाम बिना किसी आधिकारिक कारण के गायब हैं।”

टीएमसी के अनुसार, अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र के हाबरा-2 ब्लॉक के अंतर्गत गुम-1 ग्राम पंचायत के बूथ संख्या 159 में इस समय चुनाव आयोग की वेबसाइट पर शून्य पंजीकृत मतदाता दिखाए जा रहे हैं, जबकि 2002 की सूची में करीब 900 नाम थे। इसी तरह कूचबिहार जिले के कई बूथों में 400 से 900 तक मतदाताओं के नाम गायब पाए गए हैं।

घोष ने आरोप लगाया, “यह असली मतदाताओं को सूची से बाहर करने की सुनियोजित साजिश है। साजिश भाजपा के दफ्तरों में रची गई और चुनाव आयोग के पोर्टल के जरिए लागू की जा रही है। वरना भाजपा नेताओं को पहले से कैसे पता चलता है कि लाखों नाम हटाए जाने वाले हैं?”

टीएमसी ने चुनाव आयोग से इस कथित गड़बड़ी की जांच की मांग करते हुए इसे “लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खतरनाक छेड़छाड़” बताया। घोष ने कहा, “हम एक भी वैध मतदाता का नाम हटने नहीं देंगे। पार्टी बूथ-वार सबूत जुटा रही है, जिन्हें आयोग के सामने पेश किया जाएगा।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि यह गड़बड़ी भाजपा के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रही है। उन्होंने कहा, “कई जगहों पर भाजपा समर्थकों के नाम भी सूची से गायब मिले हैं, जिससे उनके भीतर भी असंतोष फैल गया है।”

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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