
अजमेर, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पवित्र तीर्थराज पुष्कर में अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले की रौनक धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रही है। सरोवर घाटों, मंदिरों और बाजारों में श्रद्धालुओं व देशी-विदेशी पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं मेला मैदान में पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक करीब डेढ़ हजार पशु मेले में पहुंच चुके हैं, जिनमें घोड़ों की संख्या 700 से अधिक बताई जा रही है।
रविवार को मेले की शुरुआत धार्मिक माहौल में हुई। संन्यास आश्रम अजमेर और सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु के संयुक्त तत्वावधान में प्रभात फेरी निकाली गई। फेरी पुष्कर के गुरुद्वारे से शुरू होकर रंगजी मंदिर, जयपुर घाट, जोधपुर घाट, वराह घाट और ब्रह्म घाट होते हुए पुनः रंगजी मंदिर पर संपन्न हुई।
फेरी के दौरान पं. चन्द्रशेखर गौड़ के आचार्यत्व में वराह घाट पर सरोवर पूजन किया गया। पुष्कर के जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हैं। देशभर से आए भक्तों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी दर्शन करने पहुंच रहे हैं। मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है। श्रद्धालु कार्तिक माह के स्नान और पूजा-अर्चना में भाग ले रहे हैं। बढ़ती भीड़ के साथ पुष्कर के बाजारों में रौनक लौट आई है। श्रद्धालु और पर्यटक यहां की हस्तशिल्प वस्तुएं, चांदी के गहने, ऊनी कपड़े और सजावटी सामान खरीद रहे हैं। वहीं, विदेशी पर्यटक स्थानीय फलाफेल, लाफा और देसी जायकों का स्वाद ले रहे हैं।
तीस वर्षों से दुकान चला रहे सुरेश ने बताया कि इस बार विदेशी पर्यटक धीरे-धीरे लौट रहे हैं और भारतीय मसालों से बने विदेशी व्यंजनों को खूब पसंद कर रहे हैं।
नगर परिषद प्रशासन ने मेले के दौरान सड़क किनारे किए गए अस्थाई अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया है ताकि भीड़भाड़ में कोई बाधा न आए। हालांकि, इस कार्रवाई को लेकर ठेला संचालक और छोटे दुकानदारों ने रोष जताया है। उनका कहना है कि पूरे साल वे इसी मेले का इंतजार करते हैं और प्रशासन की सख्ती से उनके रोजगार पर असर पड़ेगा। जिला कलेक्टर लोक बंधु ने शनिवार देर शाम अधिकारियों के साथ बाजारों और मेला क्षेत्र का दौरा किया। पुराने मेला मैदान को अस्थाई पार्किंग स्थल बनाया गया है, जहां पर्यटक अपने वाहन खड़े कर सकते हैं।
पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के लिए 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। एसडीआरएफ टीम, गोताखोर और अतिरिक्त पुलिसकर्मी सरोवर क्षेत्र में तैनात हैं।
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का विधिवत शुभारंभ 30 अक्टूबर को झंडारोहण के साथ होगा। इसी दिन से “वॉइस ऑफ पुष्कर”, लोकनृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी।
31 अक्टूबर को पारंपरिक प्रतियोगिता “रवन्ना काटा” और दाे से चार नवंबर तक विकास व गीर प्रदर्शनी, पशु प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी।
मेले का समापन पांच नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सरोवर में पारंपरिक महास्नान के साथ होगा। मेले में भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इस बार एक से पांच नवंबर तक अजमेर-पुष्कर मार्ग पर वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करने का निर्णय किया है। सरकारी और ड्यूटी वाहनों के लिए अलग-अलग पास जारी किए जाएंगे, ताकि मेले में आने-जाने में किसी तरह की दिक्कत न हो।
जैसे-जैसे मेले की तारीखें नजदीक आ रही हैं, पुष्कर की गलियां रंगीन रोशनी, भक्ति संगीत और ऊंट-घोड़ों की आवाजों से गूंजने लगी हैं।
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(Udaipur Kiran) / रोहित