
जोधपुर, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शहर के निकटवर्ती तिंवरी मथानिया रोड पर रहने वाले टिंबर व्यवसायी पिता- पुत्र से कुछ शातिरों ने लकड़ी भेजने के नाम पर पहले पांच लाख रुपये ऐंठ लिए। बाद में रूपये वापिस लौटाने के नाम पर ऊपर-नीचे असली नोट दिखाकर कागज की गड्डियां थमा कर चले गए। चैक करने पर जालसाजी का पता लगा। पीडि़त ने मामले में बोरानाडा थाने में रिपोर्ट दी है। पुलिस अब मोबाइल नंबर से बदमाशों को ट्रेस करने का प्रयास कर रही है। घटना में प्रशान्त संचेती पुत्र महावीर संचेती ने मामला दर्ज कराया।
रिपोर्ट के अनुसार वह लकड़ी का कारोबार करता है। उसकी फर्म का टिंबर हाउस तनावड़ा में है। उसके साथ में उसके पिता महावीर संचेती भी काम संभालते है। 9 अक्टूबर को उसके पिता का एक मोबाइल नंबर पर संपर्क हुआ था। सामने वाले ने खुद को टिंबर व्यवसायी होना बताया था। जिस पर उससे लकड़ी को सैंपल को कहा गया। सैंपल पसंद आने पर उसे अर्जेंट में लकड़ी भेजने को कहा गया। बाद में उसने अपने एक आदमी को बोरानाडा भेजा तब उसे पांच लाख रूपये एडवांस दिए गए। 10 अक्टूबर तक सामने वाले ने माल भेजने को कहा था। मगर उसने माल नहीं भेजा और उस पर दबाव बनाया गया। 11 अक्टूबर को उसने कहा कि माल की व्यवस्था नहीं कर पाया हूं और मैं आपको आपका पेमेंट वापिस भेज देता हूं।
पीडि़त के अनुसार कुछ देर बाद जब वह बोरानाडा से मंडोर की तरफ जा रहा था तब रास्ते में एक फोन आया और पैसे देने के लिए पावटा चौराहा पर बुलाया गया। तब दोनों पिता पुत्र पावटा चौराहा पर पहुंचे। जहां उस व्यक्ति से फोन कर सम्पर्क किया तो उसने एक बैग में पैसे दे दिए। वह कहने लगा कि में जल्दी में हूं कोई बात हो तो मुझे फोन कर देना। बाद में घर पहुंचने पर बैग संभाला तो पता लगा कि ऊपर नीचे असली नोट है और बाकी बीच में कागज की गड्डियां भरी हुई थी। बाद में शातिरों को कॉल किया तो उनके फोन बंद आए।
(Udaipur Kiran) / सतीश