West Bengal

बंगाल पीड़िता पर बनी ‘तिलोत्तमा’ फिल्म को माता-पिता से नहीं मिली सहमति

आरजी कर

कोलकाता, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीड़िता के जीवन पर बनने वाली फिल्म को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, क्योंकि उसके माता-पिता ने अब तक इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी है।

पीड़िता के माता-पिता ने गुुरुवार को कहा कि वे इस विषय पर विचार तभी करेंगे जब उनकी बेटी को न्याय मिलेगा। यह बयान तब आया जब निर्देशक उज्ज्वल चट्टोपाध्याय ने पीड़िता के जीवन पर आधारित एक फिल्म बनाने की घोषणा की। इस फिल्म का नाम ‘तिलोत्तमा’ रखा गया है, जो पीड़िता के नाम पर आधारित है और इसे 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले रिलीज करने की योजना है।

सूत्रों के अनुसार, फिल्म निर्देशक ने कई बार पीड़िता के माता-पिता से इस विषय पर बातचीत की है, लेकिन उन्हें अभी तक परिवार की ओर से अंतिम स्वीकृति नहीं मिली है।

पीड़िता के पिता ने मीडिया से कहा, “अभी तक हमें कुछ नहीं पता। एक निर्देशक हमसे मिलने आए थे। मैंने उनसे कहा कि जब तक हमें न्याय नहीं मिलता, तब तक इस तरह के किसी प्रस्ताव से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। न्याय मिलने के बाद ही हम इस पर सोचेंगे। कोई फिल्म बनाना चाहता है तो वह उसकी जिम्मेदारी है।”

वहीं, पीड़िता की मां ने कहा कि मेरी सोच केवल न्याय तक सीमित है। जब तक हमें यह पता नहीं चलता कि उस रात क्या हुआ था और इसके पीछे कौन था, तब तक यह फिल्म हमारे लिए कुछ भी मायने नहीं रखती। मेरी बेटी सबकी बेटी है। जब तक न्याय नहीं मिलता, कुछ नहीं होगा।

निर्देशक उज्ज्वल चट्टोपाध्याय ने मीडिया से कहा कि मैं यह फिल्म बनाना चाहता हूं। पीड़िता के माता-पिता से प्रारंभिक बातचीत हो चुकी है। बिना उनकी अनुमति के फिल्म नहीं बनाई जा सकती। इसलिए फिलहाल मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन उनकी सहमति लेने का प्रयास करूंगा।

गौरतलब है कि, 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल से एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव बरामद हुआ है। इस घटना को लेकर डॉक्टरों, आम लोगों तथा महिला संगठनों द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया था।

इस मामले में एकमात्र दोषी संजय रॉय को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।— ——-

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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