Bihar

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर हुआ जलमग्न

जायजा लेते कुलपति और प्रतिकुलपति

भागलपुर, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो गई है। इस बार पानी का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। जिसके कारण तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का पूरा परिसर जलमग्न हो गया है। कैंपस में चारों ओर पानी भर जाने से कर्मचारियों, पदाधिकारियों और प्रोफेसरों को रोजमर्रा के कामकाज में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निचले तल पर पानी भर जाने से प्रशासनिक कार्यों में बाधा न आए, इसके लिए सभी जरूरी फाइलें और दस्तावेज ऊपर के तल में शिफ्ट कर दिए गए हैं।

कर्मचारी और प्रोफेसर अब अपने-अपने कार्यालय और कक्ष तक नाव के सहारे पहुंच रहे हैं। जलभराव के बीच सांप-बिच्छुओं का खतरा भी मंडरा रहा हैऋ जिससे सभी में भय का माहौल है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कामकाज पूरी तरह जारी रखने का निर्णय लिया है। इसी बीच, विश्वविद्यालय में महामहिम राष्ट्रपति का कार्यक्रम प्रस्तावित है,जिससे स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है। प्रतिमा स्थल के पास का क्षेत्र भी जलमग्न है लेकिन तैयारी में कोई कमी न रहे, इसके लिए दिन-रात काम चल रहा है।

कुलपति प्रो. जवाहरलाल ने स्पष्ट किया हम प्रकृति से मुकाबला नहीं कर सकते, लेकिन हर संभव व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार पानी की मात्रा पिछले साल से भी ज्यादा है। इमरजेंसी नोटिस जारी करने के साथ कई अहम निर्णय लेने पड़े हैं। कुलपति ने बताया कि जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी से एनटीपीसी से रेत मंगवाकर डालने की बात हुई है। ताकि प्रतिमा स्थल का काम बाधित न हो और टाइल्स का कार्य जल्द पूरा किया जा सके। बाढ़ के कारण कर्मचारियों और विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने नाविक, बिजली मिस्त्री और चिकित्सक को 24 घंटे तैयार रहने का निर्देश दिया है।

पानी भरे क्षेत्रों से कर्मचारियों को बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है। कुलपति ने भरोसा दिलाया कि 15 अगस्त और राष्ट्रपति के आगमन जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर विश्वविद्यालय का काम जैसे पहले चलता था वैसे ही चलता रहेगा। भले ही इसके लिए नाव से कार्यालय तक जाना पड़े।

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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर

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