
नई दिल्ली, 19 जून (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद कर्नाटक में फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है। जस्टिस उज्जवल भुइयां की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया है कि अभिनेता कमल हासन की तमिल भाषा की फिल्म ‘ठग लाइफ’ को कर्नाटक में रिलीज नहीं करने देने वालों पर सख्ती से निपटे। कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके भरोसा दिलाया कि फिल्म की रिलीज में बाधा बनने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
फिल्म ‘ठग लाईफ’ देश भर में 5 जून को रिलीज की गई थी। फिल्म के निर्माता मणिरत्णम हैं। ये फिल्म कन्नड़ भाषा पर की गई टिप्पणी के बाद विवादों में घिर गई थी। कर्नाटक सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत हलफनामा दाखिल किया कि वो फिल्म के रिलीज में बाधा बनने वालों पर कार्रवाई करेगा। साथ ही फिल्म का प्रदर्शन करने वाले सिनेमा घरों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। कर्नाटक सरकार ने कहा है कि कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ने अभिनेता कमल हासन को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वो कन्नड़ भाषा को लेकर अपने विवादित बयान पर माफी मांगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वो ये नहीं चाहती कि ऐसी स्थिति बने की किसी के बयान देने से किसी की भावनाएं आहत होने पर फिल्म की रिलीज को रोका जाए। कोर्ट ने कहा कि कि किसी स्टैंड अप शो या किसी कलाकार को कविता पढ़ने से कैसे रोका जा सकता है।
यह याचिका एम. महेश रेड्डी ने दायर किया था। याचिकाकर्ता के वकील ए. वेलन ने कहा था कि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने अपनी हरी झंडी दी है, उसके बावजूद फिल्म के प्रदर्शन पर कर्नाटक में मौखिक रोक लगा दी गई है। याचिका में कहा गया था कि कर्नाटक में फिल्म के प्रदर्शन को मौखिक तौर पर आदेश देकर और पुलिस के हस्तक्षेप से रोका गया है। ऐसा करना राज्य सरकार का असंवैधानिक कृत्य है और ये संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
इस पर 17 जून को कोर्ट ने कहा था कि जब फिल्म को कानून के मुताबिक सेंसर बोर्ड ने मंजूरी दे दी है, तो फिल्म हर राज्य में रिलीज होनी चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर एतराज जताया था कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने कमल हासन को कर्नाटक की जनता से माफी मांगने की सलाह दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र मिलने के बाद किसी फिल्म को प्रदर्शित होने से नहीं रोका जा सकता है। अगर किसी को कमल हासन के बयान से समस्या है तो वह उसके जवाब में अपनी तरफ से बयान जारी कर सकता है। इस मुद्दे पर बहस हो सकती है, लेकिन उग्र विरोध का बहाना बनाकर राज्य सरकार फिल्म का प्रदर्शन सुनिश्चित करने के अपने दायित्व से पल्ला नहीं झाड़ सकती।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
