
अंबिकापुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । सरगुजा जिले के अंबिकापुर में विशेष न्यायालय (एन.आई.ए.) ने मानव तस्करी और नाबालिग बच्चियों के शोषण से जुड़े गंभीर मामले में तीन महिलाओं को दोषी करार देते हुए 14-14 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश के.एल. चरयाणी ने 22 जुलाई 2025 को सुनाया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने आज जानकारी दी कि न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 363, 365, 366, 368 और 370 के तहत विमला यादव, नीलू उर्फ निर्मला नायक और कोमल अहिरवार को दोषी घोषित किया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला अप्रैल 2024 का है, जब ग्राम पुराईनबंध में तीनों महिलाओं ने मिलकर तीन नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसलाकर अगवा किया। इन बच्चियों को गुप्त रूप से अपने कब्जे में रखा गया और कथित तौर पर लड़कों से मिलवाया गया ताकि उनका विवाह करवाया जा सके। अदालत में यह साबित हुआ कि यदि विवाह होता, तो इन बच्चियों का शारीरिक शोषण होना लगभग तय था।
जांच में सामने आया कि विमला यादव ने अन्य दोनों आरोपितों के साथ मिलकर यह पूरा षड्यंत्र रचा। बच्चियों को बहला कर अगवा किया गया और फिर उन्हें नीलू और कोमल के अधीन सौंप दिया गया। वहां उन्हें शादी के लिए तैयार करने का प्रयास किया गया, जबकि वे नाबालिग थीं।
न्यायाधीश ने क्या कहा?
विशेष न्यायाधीश के.एल. चरयाणी ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र का उदाहरण है, जिसमें मासूम बच्चियों को शिकार बनाया गया। तीनों आरोपित महिलाओं का उद्देश्य स्पष्ट रूप से मानव तस्करी कर आर्थिक लाभ कमाना था।
कोर्ट ने सुनाई यह सजा
विशेष न्यायालय ने तीनों दोषियों विमला यादव, नीलू उर्फ निर्मला नायक और कोमल अहिरवार को भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत कठोर सजा सुनाई है। धारा 363 और 365 (जिसमें धारा 368 समाहित है) के तहत प्रत्येक को 3-3 वर्ष का कठोर कारावास और ₹1,000-₹1,000 का जुर्माना लगाया गया। इसी तरह, धारा 366A के अंतर्गत 4-4 वर्ष का कठोर कारावास और ₹1,000-₹1,000 का जुर्माना निर्धारित किया गया। सबसे गंभीर अपराध धारा 370 (मानव तस्करी) के तहत तीनों को 14-14 वर्ष का कठोर कारावास और ₹5,000-₹5,000 का जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की राशि अदा न करने की स्थिति में दोषियों को अतिरिक्त तीन से छह महीने तक साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह
