
झज्जर, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । बहादुरगढ़ शहर की गलियों में घूमते कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए नगर परिषद ने बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद परिषद ने तीन हजार कुत्तों का बधियाकरण करने का फैसला लिया है। इसके लिए टेंडर लगाया गया है। कुछ दिन पहले भी टेंडर लगाया था, लेकिन उसमें किसी ने बिड नहीं लगाई थी।
शहर की गलियों में घूमने वाले कुत्तों का बधियाकरण करवाने के लिए अब नगर परिषद ने दोबारा टेंडर लगाया है। यह 16 सितंबर को खोला जाएगा। परिषद की चेयरपर्सन सरोज राठी ने मंगलवार को कहा कि कुत्तों की बढ़ती संख्या से लोगों को परेशानी हो रही है। कुत्तों द्वारा नागरिकों को काटने की शिकायतें शहर में काफी बढ़ रही थी। इसी के चलते नगर परिषद की ओर से लक्ष्य तय किया गया है कि नसबंदी की प्रक्रिया पूरी तरह मानवीय तरीके से की जाए और सुप्रीम कोर्ट व पशु कल्याण बोर्ड की हिदायतों का पालन हो। सरोज राठी ने बताया कि टेंडर की शर्तों के मुताबिक एजेंसी को पशु चिकित्सक, दवाइयां, कुत्तों को पकड़ने व रखने का इंतजाम खुद करना होगा। नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उसी स्थान पर छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। उनकी पहचान के लिए कान पर टी मार्क लगाया जाएगा।
एजेंसी को यह भी ध्यान रखना होगा कि छह माह से कम उम्र के कुत्तों और छोटे पिल्लों वाली मादा कुत्तों की नसबंदी नहीं की जाए। बीमार व घायल कुत्तों के लिए अलग व्यवस्था अनिवार्य होगी। नसबंदी के बाद प्रत्येक कुत्ते को कम से कम चार दिन के लिए होम स्टे में रखा जाएगा। सरोज राठी ने कहा कि परिषद ने इस बार साफ कर दिया है कि काम संतोषजनक न मिलने पर ठेका तुरंत रद कर दिया जाएगा। हम चाहते हैं कि शहरवासी सुरक्षित रहें और कुत्तों की संख्या भी नियंत्रित रहे। सरोज राठी ने कहा है कि यदि यह अभियान सफल रहा तो आने वाले समय में बहादुरगढ़ की गलियों में घूमने वाले कुत्तों की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
