
– जबलपुर से अब तक छह अफगानियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
जबलपुर/भोपाल, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के जबलपुर में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने मंगलवार को फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय पासपोर्ट बनवा कर रहे तीन और अफगानी युवकों को हिरासत में लिया है। इससे पहले भी एटीएस ने जबलपुर से तीन अफगानी नागरिकों को गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ के दौरान किए गए खुलासे के बाद एटीएस ने उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया है।
जानकारी के मुताबिक, एटीएस ने मंगलवार को शहर के छोटी ओमती इलाके में रहने वाले याकूब खान, मोहम्मद यूनुस और अब्दुल खान को पकड़ा है। ये तीनों जबलपुर में रहकर कंबल बेचने का काम करते थे। शुरूआती जांच में एटीएस को पता चला है कि तीनों आठ नल इलाके में एक किराए का मकान लेकर रह रहे थे। तीनों अफगानी नागरिकों ने भारतीय दस्तावेज बनवा रखे थे। एटीएस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि और कितने लोग फर्जी दस्तावेज बनवाकर रह रहे हैं।
गौरतलब है कि एटीएस ने एक अगस्त को जबलपुर के छोटी ओमती में 10 साल से छिपकर रह रहे अफगानी नागरिक सोहबत खान को गिरफ्तार किया था। सोहबत ने सोशल मीडिया में अपनी एक फोटो पिस्टल के साथ पोस्ट की थी। एटीएस के अनुसार, सोहबत खान यहां किराए के मकान में रहकर कंबल बेचने का काम किया करता था। अफगानी नागरिक सोहबत खान 2015 में एक काम के सिलसिले में पश्चिम बंगाल से होते हुए भोपाल और फिर जबलपुर आया था। इसके बाद सोहबत ने जबलपुर के छोटी ओमती इलाके में रहने वाली एक महिला से दोस्ती की और बाद में उससे निकाह कर साथ रहने लगा। सोहबत खान ने ना सिर्फ अपना बल्कि कई अफगानियों के नकली पासपोर्ट बनवाए थे, जिसके लिए जबलपुर के विजयनगर निवासी दिनेश गर्ग पिता श्रवण गर्ग और कटंगा रोड निवासी महेंद्र कुमार पुत्र माधव प्रसाद को भी गिरफ्तार किया था।
एटीएस को जांच के दौरान पता चला कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में 20 से ज्यादा अफगानी युवक बिना कोई जानकारी दिए अपनी मूल पहचान छिपाकर रह रहे थे। सोहबत की निशानदेही पर एटीएस ने 53 वर्षीय अकबर को भी पकड़ा है, जो कि अभी जेल में है। अकबर करीब 20 साल पहले अफगानिस्तान से भारत आया और फिर यहीं बस गया था। अकबर पश्चिम बंगाल में रह रहा था और उसे कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। सोहबत ने अकबर का एक लाख 20 हजार रुपये में पासपोर्ट बनवाया था।
सोहबत और अकबर की तरह अफगानी नागरिक इकबाल खान का भी फर्जी पासपोर्ट बनवाया था, जिसके जरिए वह जल्द ही अफगानिस्तान जाने की फिराक में था। एटीएस ने इस केस में तीन अन्य लोगों को भी पकड़ा था, जिसमें वन विभाग में पदस्थ दिनेश गर्ग, चंदन सिंह और महेश सुखदान भी शामिल है।
मंगलवार को एटीएस ने छोटी ओमती से जिस याकूब खान को हिरासत में लिया है, वह 15 साल पहले अपने दादा के साथ अफगानिस्तान से भारत आया था। सूत्र बताते हैं कि याकूब के बाद यूनुस और अब्दुल भी भारत आ गए। यहां आने के बाद इन दोनों का भी भारतीय पासपोर्ट बन गया था। एटीएस अब गिरफ्तार अफगानी नागरिकों से पूछताछ कर रही है, ताकि महत्वपूर्ण जानकारी हाथ आ सके।
(Udaipur Kiran) तोमर
