RAJASTHAN

गुर्जर समाज की मांगों पर विचार के लिए तीन सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी गठित

भरतपुर गुर्जर आंदोलन

जयपुर, 30 जून (Udaipur Kiran) । राजस्थान सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और अति पिछड़ा वर्ग के विभिन्न प्रतिनिधियाें की मांगों पर विचार और समाधान के लिए तीन सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंजूरी के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा यह आदेश जारी किया गया।

इस सब-कमेटी की अध्यक्षता संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल करेंगे, जबकि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह समिति विशेष रूप से गुर्जर समाज और एमबीसी (मोस्ट बैकवर्ड क्लास) वर्गों द्वारा उठाई गई मांगों की समीक्षा कर सरकार को समाधान प्रस्तुत करेगी।

गौरतलब है कि गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म स्वयं गुर्जर समुदाय से आते हैं और पूर्व में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में हुए आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें समिति में प्रतिनिधित्व दिया गया है।

सरकार का यह निर्णय 8 जून को भरतपुर जिले के बयाना स्थित कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) में आयोजित गुर्जर महापंचायत के बाद सामने आया है। इस महापंचायत में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा सरकार को मांग-पत्र सौंपा गया था। समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने सरकार का मसौदा जनता को पढ़कर सुनाया, जिसके बाद समाज की सहमति से महापंचायत को समाप्त कर दिया गया। हालांकि, समाज के एक वर्ग ने इस निर्णय का विरोध करते हुए रेलवे ट्रैक जाम कर अपना असंतोष प्रकट किया।

गृह राज्य मंत्री बेढ़म ने इस अवसर पर कहा था कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन जब सरकार खुद बिना आंदोलन के बातचीत को तैयार है, तो महापंचायत की आवश्यकता नहीं रह जाती।

सरकार द्वारा प्रस्तुत मसौदे में प्रमुख रूप से एमबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने, लंबित भर्तियों का सात दिन में निस्तारण, देवनारायण योजना की मासिक समीक्षा में संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों की भागीदारी, और अनुकंपा नियुक्तियों पर सहमति जैसे बिंदु शामिल थे।

समाज की ओर से की गई मांगों में 5% आरक्षण को पूरी तरह लागू करना, पूर्व आरक्षण आंदोलनों में हुए समझौतों का क्रियान्वयन, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी, मृतकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति तथा रीट 2018 की बची हुई 372 पदों पर शीघ्र नियुक्ति जैसी मांगें प्रमुख रहीं।

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(Udaipur Kiran)

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