Bihar

जोकीहाट से चुनावी अखाड़े में तीन पूर्व मंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन के दो पुत्र हैं आमने-सामने

अररिया फोटो:शाहनवाज आलम(राजद)
अररिया फोटो:सरफराज आलम(जन सुराज)
अररिया फोटो:मंजर आलम(जदयू)
अररिया फोटो:मुर्शीद आलम(एआईएमआईएम)

अररिया 19 अक्टूबर(Udaipur Kiran News) । जिले के छह विधानसभा क्षेत्र में जोकीहाट विधानसभा सबसे हॉट सीट बन गया है।

बिहार सरकार तीन पूर्व मंत्री एक दूसरे के खिलाफ चुनावी अखाड़े में है। जिसमें दो तो पूर्व केंद्रीय मंत्री मरहूम स्व.तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं।

जन सुराज से जहां पूर्व सांसद सरफराज आलम ने अपनी उम्मीदवारी दी है। राजद उम्मीदवार के रूप में निवर्तमान विधायक शाहनवाज आलम हैं। बड़े भाई छोटे भाई के अलावा जदयू से पूर्व मंत्री मंजर आलम ने अपनी उम्मीदवारी दी है। जबकि पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम के टिकट से चुनाव जीते शाहनवाज आलम के पांच विधायकों के साथ राजद में चले जाने के बाद एआईएमआईएम ने पांच बार से मुखिया रहे मुर्शीद आलम को इस बार चुनावी अखाड़े में उतारा है।जिसके कारण जोकीहाट की सियासत जिले में गर्म हो गई है।

स्व तस्लीमुद्दीन के बड़े पुत्र सरफराज आलम ने राजनीति में 1996 में इंट्री की थी।उन्हें चार बार जोकीहाट विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। इसके अलावा अररिया के तत्कालीन सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद 2018 में हुए उपचुनाव में उन्हें अररिया लोकसभा क्षेत्र का भी सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्हें भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह के हाथों पराजित होना पड़ा।विधानसभा का उन्होंने 1996,2000,2010 और 2015 में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।

पहला और दूसरा कार्यकाल राजद प्रत्याशी के रूप में तो तीसरा और चौथा कार्यकाल जदयू प्रत्याशी के रूप में सरफराज आलम को जोकीहाट से प्रतिनिधित्व का मौका मिला। 2018 में जदयू के भाजपा से गठबंधन होने पर उन्होंने जदयू से नाता तोड़कर राजद ज्वाइन कर लिया था।लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी के रूप में हार और एआईएमआईएम प्रत्याशी के रूप में उनके भाई शाहनवाज आलम के जीत और राजद में ज्वाइनिंग के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट से वंचित किए जाने के बाद उन्होंने राजद को छोड़ दिया और कुछ दिन पहले जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय कुमार सिंह के समक्ष जन सुराज का दामन थाम लिया। इस बार के चुनाव में जन सुराज के उम्मीदवार बनकर अखाड़े में है।सरफराज आलम भवन निर्माण विभाग सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों के बिहार सरकार में मंत्री भी रहे।

मंजर आलम शुरू से ही जदयू के सिपाही रहे।2000 विधानसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में मंजर आलम को राजद के सर्फ आलम ने पराजित किया।लेकिन 2005 के विधानसभा चुनाव में जदयू के मंजर आलम ने जीत दर्ज की और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री बने।लेकिन 2010 और 2015 के चुनाव में जदयू ने यह टिकट नहीं दिया और इन दोनों चुनाव में जदयू प्रत्याशी सरफराज आलम ने जीत दर्ज की।

2020 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत यह सीट भाजपा के खाते में चली गई और मंजर आलम को इस बार भी खाली हाथ रहना पड़ा।इस चुनाव में एआईएमआईएम के शाहनवाज आलम ने राजद प्रत्याशी अपने भाई सरफराज आलम को ही पराजित किया।बीस साल बाद एक बार फिर जदयू आलाकमान ने भरोसा जताते हुए जोकीहाट के चुनावी समर में मंजर आलम को उम्मीदवार बनाया है।

शाहनवाज आलम की जोकीहाट के सियासत में इंट्री 2020 के विधानसभा चुनाव में हुई।इस चुनाव में एआईएमआईएम प्रत्याशी के रूप में उन्होंने अपने ही भाई राजद के सरफराज आलम के खिलाफ अखाड़े में उतरे और उन्हें पटकनी भी दी।

2020 के विधानसभा चुनाव में शाहनवाज आलम को 59,596 मत मिले।जबकि राजद के सरफराज आलम को 52,213 मत मिले।वहीं भाजपा के रंजीत यादव को 48,933 मत प्राप्त हुआ था।

इस चुनाव में एआईएमआईएम ने बिहार में छह सीट जीतकर बिहार के सियासत में भूचाल लाया।लेकिन एनडीए से जदयू के अलग होने पर सरफराज आलम अपने अन्य एआईएमआईएम के अपने साथियों के साथ राजद को ज्वाइन कर लिया।बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद महागठबंधन की सरकार बनने पर शाहनवाज आलम को बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग का मंत्री बनाया गया।

एआईएमआईएम के पांच विधायकों के राजद ज्वाइनिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण शाहनवाज आलम राजद के विश्वासी बन गए और 2024 के लोकसभा चुनाव में राजद ने ऐतबार जताते हुए इन्हें प्रत्याशी बनाया। लेकिन लोकसभा चुनाव में 5,80,052 मत लाने के बावजूद इन्हें हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को इस चुनाव में 6,00146 मत प्राप्त हुए थे।2025 के विधानसभा चुनाव में राजद ने शाहनवाज आलम को जोकीहाट से अपना प्रत्याशी बनाया है।

वहीं पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम के जोकीहाट जीतने के बाद इस बार के चुनाव में भी एआईएमआईएम ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया है और मुर्शीद आलम को अपना प्रत्याशी बनाया है।

मुर्शीद आलम पलासी प्रखंड के मियांपुर से मुखिया हैं और उसकी पत्नी भी कुजरी से मुखिया है।मुर्शीद आलम पांच बार से मुखिया हैं और वर्तमान समय में वे पलासी प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष के साथ एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष पद पर भी हैं।

बहरहाल जोकीहाट में सियासी पारा चरम पर है।तीन पूर्व मंत्री के साथ ही एआईएमआईएम के प्रत्याशी ने चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है। जोकीहाट की जनता किसे आशीर्वाद देती है, यह तो चुनाव परिणाम ही स्पष्ट करेगा।

(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर

Most Popular

To Top