West Bengal

भारतीय सांख्यिकी संस्थान में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली पर तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू

आईएसआई

कोलकाता, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) के भाषा वैज्ञानिक अनुसंधान इकाई की ओर से सोमवार को “भारतीय भाषाओं के लिए एकरूप वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली के सृजन : चुनौतियां और संभावनाएं” विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के भारतीय भाषा समिति के तत्वावधान में एक से तीन सितंबर तक संस्थान के प्लेटिनम जुबिली सभागार में हो रहा है।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय भारतीय भाषाओं के संस्थान, शिक्षा मंत्रालय के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर एल. रामामूर्ति उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए बहुभाषी उच्च शिक्षा अनिवार्य है। उन्होंने संस्कृत और द्रविड़ भाषाओं की जड़ों को खोजने में भी विशेष रुचि व्यक्त की।

संस्थान की निदेशक प्रोफेसर संघमित्रा बनर्जी ने अध्यक्षीय भाषण में भाषा प्रौद्योगिकी और संस्थान की बहुविषयक गतिविधियों का उल्लेख किया। उन्होंने प्रोफेसर पी. सी. महालनोबिस के विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में योगदान को भी रेखांकित किया।

इस मौके पर डीन ऑफ स्टडीज प्रोफेसर बिस्वब्रत प्रधान विशेष अतिथि के रूप में और हैदराबाद विश्वविद्यालय के अनुप्रयुक्त भाषा विज्ञान एवं अनुवाद अध्ययन केंद्र के प्रमुख प्रोफेसर एस. अरुलमोझी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का स्वागत भाषण प्रोफेसर नीलाद्रि शेखर दास ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मेंडेम बापूजी ने प्रस्तुत किया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में एकरूप वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली विकसित करने के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार करना, पैन-भारतीय शब्दावली की पहचान करना और बहुभाषी शब्दकोश, शब्दसंग्रह एवं विश्वकोश तैयार करना है। इसमें प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, विधि विज्ञान, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों की शब्दावलियों पर चर्चा होगी।

कार्यशाला में प्रोफेसर अश्विन कुमार (चाणक्य विश्वविद्यालय, बेंगलुरु), प्रोफेसर उर्मिश्री बेडामट्टा (रेवेंसॉ विश्वविद्यालय, कटक), प्रोफेसर नरेश अन्नेम (हैदराबाद विश्वविद्यालय), डॉ. नम्रता सिंह (दिल्ली विश्वविद्यालय) और प्रोफेसर संदीप मित्र (भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता) अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे।

इस आयोजन का एक प्रमुख लक्ष्य नई वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावलियों का निर्माण, मौजूदा शब्दावलियों का परिष्कार तथा भारत सरकार की नई वैज्ञानिक पहलों जैसे ‘भाषिणी’, ‘एआई फॉर भारत’ और ‘राष्ट्रीय अनुवाद मिशन’ में इनके उपयोग के लिए रणनीति बनाना है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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