
रांची, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड की राजधानी रांची स्थित राणी सती मंदिर परिसर में आयोजित वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत पदाधिकारियों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का रविवार को समापन हो गया। इस अवसर पर विभिन्न प्रांतो से आए पदाधिकीरियों को आयोग की ओर से किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया गया, साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकीरियों को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने वर्ग के अंतिम दिन जनजाति क्षेत्र की समस्याओं, जनजाति महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति से कल्याण आश्रम के विभिन्न प्रांतो से आए पदाधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने आयोग की ओर से इसके लिए किए जा रहे कार्यों और प्रयासों के बारे में भी बताया।
आशा लकड़ा ने कहा कि हमें वनवासी कल्याण आश्रम जैसी संस्था का एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिला है, जो जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्यों के साथ जनजातीय संस्कृति, परंपरा और उनके अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रही है। हमें भी संस्था को सहयोग देकर इस अभियान को आगे बढ़ाना चाहिए।
इसके पूर्व वर्ग के दूसरे दिन आयोग के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अतुल जोग की ओर से लिखित ‘अनुभूती’ पुस्तक का विमोचन किया गया। महाराष्ट्र के धुलिया जिलांतर्गत जनजाति गांव बारीपाड़ा को जल एवं पर्यावरण संरक्षण और समग्र विकास की ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए प्रयासरत पद्मश्री चैतराम पवार का विशेष सम्मान दिया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. एच. के. नागु और तेची गुबीन ने उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर साक्षात्कार के माध्यम से चैतराम पवार ने बारीपाड़ा के विकास की गाथा सबके साथ साझा की ।
समापन सत्र में कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति की झलक जनजाति समाज के आंगन और अखड़ा में देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रकल्प हमारे माध्यम है, तो कार्यकर्ता हमारे कार्य की रीढ़ हैं। सभी के सामंजस्य से ही हम अपने कार्य को आगे बढ़ा सकते हैं। जिन जनजाति क्षेत्रों में हम नहीं पहुंच पाए हैं, वहां सामूहिक संकल्प के साथ कल्याण आश्रम के सेवा कार्यों को लेकर जाएं।
समापन के बाद भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु से लाई गई पवित्र मिट्टी के कलश को सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों को सौंपी गई। भगवान बिरसा मुंडा का संदेश लेकर कार्यकर्ता अब अपने-अपने प्रांतों में जाकर विधिवत इस कलश की स्थापना करेंगे।—————
(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
