HimachalPradesh

तीन बच्चियों की डूबने से मौत, एक साथ उठीं तीन बेटियों की अर्थियां

ऊना, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उपमंडल बंगाणा की बल्ह पंचायत के खुशी और चुरड़ी की सोनाक्षी व कोमल का शुक्रवार को पोस्टमार्टम करवाकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। दशहरे का दिन जहां पूरे क्षेत्र में उल्लास और उत्सव का प्रतीक था, वहीं कुटलैहड़ क्षेत्र के कुछ परिवारों के लिए यह दिन कभी न भूलने वाला गहरा घाव बन गया। पंचायत चुरड़ी और पंचायत बल्ह के परनोलियां सनहाल की मौसेरी बहने तीन मासूम बेटियां सोनाक्षी(12), कोमल(14) और खुशी (12) दशहरे के दिन गांव के नाले में नहाने गईं, लेकिन पलभर में ही पानी की लहरों ने उन्हें अपने आगोश में ले लिया। तीनों बच्चियों की डूबने से मौत ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया। पहले खुशी का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव परनोलियां में रिश्तेदारों और ग्रामीणों की मौजूदगी में हुआ। इसके बाद सैकड़ों लोग लिदकोट पहुंचे, जहां सोनाक्षी और कोमल की अंतिम यात्रा निकाली गई। दोनों बहनों को नम आंखों से विदाई दी गई। एक साथ दो बेटियों की अर्थी को कंधा देते समय पिता अजय कुमार के कदम डगमगा रहे थे। वहीं मां की चीखो पुकार से हर किसी का दिल पसीज रहा था।

गांव के लोगों का कहना है कि दशहरे के दिन आमतौर पर खुशी और उत्साह का माहौल रहता है, लेकिन इस बार पूरे गांव में सन्नाटा और मातम पसरा रहा। रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने कहा कि तीनों बच्चियां बेहद होनहार और संस्कारी थीं। क्षेत्र में हर किसी के दिल को गहरा आघात पहुंचा है।

मृतकों में सोनाक्षी और कोमल सगी बहनें थीं जिनके पिता का नाम अजय कुमार है। तीसरी बेटी खुशी मंजीत सिंह की पुत्री थी। खुशी का पैतृक गांव परनोलियां है जबकि सोनाक्षी और कोमल का गांव लिदकोट है। आपस में सगी बहनों जैसा रिश्ता रखने वाली इन तीनों मासूमों की अंतिम यात्रा ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। सोनाक्षी और कोमल चुरड़ी स्कूल में साइंस विषय उपलब्ध न होने के कारण अपनी मौसी के घर रहकर थानाकला स्कूल में पढ़ाई कर रही थीं।

गुरुवार को दशहरे के दिन तीनों बच्चियां गांव के शिव मंदिर माथा टेकने गई थीं। मंदिर से लौटते समय मात्र ढाई सौ मीटर की दूरी पर बने नाले में डूबने से तीन मासूमों की मौत हो गई।

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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल

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