श्रीनगर, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में डल झील के खूबसूरत किनारे पर स्थित हज़रतबल दरगाह तब आस्था और उत्साह से जगमगा उठी जब पूरे कश्मीर से हज़ारों श्रद्धालु ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम), पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पवित्र जन्मदिन के अवसर पर विशेष नमाज़ अदा करने के लिए एकत्रित हुए।
इस दौरान दरगाह के लॉन और प्रांगण नमाज़ियों से खचाखच भरे थे। कुछ लोग शाम से ही यहां मौजूद थेे। जैसे-जैसे रात अपने पूरे आकार में बढ़ता गया, वैस-वैसे ही कुरान की तिलावत और रोशनी से जगमगाती दरगाह में गूंजती दुआओं की सामूहिक गूंज से वातावरण गूंजायमान रहा।
कई परिवार सामूहिक नमाज में शामिल होने के लिए उत्तर और दक्षिण कश्मीर के कई हिस्सों से लंबी दूरी तय करके आए थे। बारामूला के एक श्रद्धालु अब्दुल राशिद ने भीड़ में अपने पोते का हाथ कसकर पकड़े हुए कहा कि हर साल हम इस उम्मीद के साथ यहां आते हैं कि हमारी दुआएं कबूल होंगी। यह सिर्फ़ रस्मों की बात नहीं है, यह पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के करीब होने का एहसास है।
पुलवामा की हाजरा बेगम जैसी महिलाओं के लिए रात की नमाज़ आध्यात्मिक सुकून की तरह होती है। दरगाह की रेलिंग को छूते हुए उनके चेहरे पर आंसू बह रहे थे और वे अपने बच्चों के लिए धीरे से दुआएं कर रही थीं। उन्होंने बताया कि यह रात मुझे पूरे साल के लिए ताकत देती है।
इस पाक असवर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम और प्रशासन के लोग नमाजियों की सहायता के लिए रात भर दरगाह के बाहर तैनात रहे। इसके अलावा अधिकारियों ने लोगों के आवागमन को नियंत्रित करने और पैगंबर मुहम्मद के पवित्र अवशेष वाली दरगाह पर सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती भी की थी।
दरअसल, यह उत्सव केवल हजरतबल तक ही सीमित नहीं था। कश्मीर भर की मस्जिदें, खानकाह और दरगाहें नमाज़ों, जुलूसों तथा धर्माेपदेशों से गूंज उठीं। धार्मिक विद्वानों ने पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और समाज में एकता, करुणा तथा शांति का आह्वान किया।———-
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(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
