ऊना, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । रविवार को खरड़ में हुए गोलीकांड में मारे गए शिवांग राणा (निवासी दियाड़ा) की लाश सोमवार शाम करीब 7 बजे जैसे ही गांव पहुंची, पूरा माहौल शोकाकुल हो उठा। शोकग्रस्त परिवार के आंगन में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। हर किसी की आंखों में आंसू थे — कोई उसे बेटा कहकर पुकार रहा था तो कोई भाई और दोस्त कहकर रो रहा था।
पंचायत उपप्रधान अशोक कुमार व अन्य प्रतिनिधियों ने बताया कि शिवांग बेहद हंसमुख व मिलनसार स्वभाव का युवक था। पिता के निधन के बाद उसकी मां ने बड़े संघर्षों से उसे पाला था। मां को उम्मीद थी कि शिवांग नौकरी हासिल कर गरीबी से उन्हें उबारेगा और छोटे भाई को भी पढ़ाएगा।
परिवार के अनुसार शिवांग ने घर से निकलते वक्त मां से कहा था कि वह खरड़ में दोस्तों के साथ एक पार्टी में जा रहा है और रविवार को लौट आएगा। मां ने पहले मना किया, लेकिन बेटे ने समझा-बुझाकर उन्हें राज़ी कर लिया। किसी को क्या पता था कि जो दोस्त उसके साथ हंसते हुए जा रहा हैं, वही उसकी मौत का कारण बन जाएगा। शिवांग के छोटे भाई की अभी पढ़ाई चल रही है। मां के सिर से पहले ही पति का साया उठ चुका था, अब इकलौते सहारे के रूप में बेटा भी चला गया। गांववासी कह रहे हैं कि यह न केवल मां का, बल्कि पूरे गांव का नुकसान हुआ है।
डीएसपी वसुधा सूद ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल
