

सोनीपत, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । ऋषि
चैतन्य आश्रम गन्नौर में पूज्य आनंदमूर्ति गुरुमां के परम सांनिध्य में रविवार को
तृतीय वैश्विक योग निद्रा उत्सव का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत के 50 से अधिक
शहरों के साथ-साथ ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, नेपाल, दुबई
और कई अन्य देशों से हजारों साधकों ने एक ही समय पर गुरुमां के मार्गदर्शन में योग
निद्रा का अभ्यास किया और परम शांति का अनुभव किया।
वैश्विक
आयोजन से पूर्व 12 सितम्बर को ऋषि चैतन्य आश्रम में विशेष योग निद्रा सत्र हुआ। इसमें
पानीपत इंजीनियरिंग संस्थान के ढाई सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। उन्होंने
अभ्यास को अत्यंत लाभकारी और सुकूनदायक अनुभव बताया। योग निद्रा, जिसे योगिक नींद कहा
जाता है, एक प्राचीन साधना पद्धति है जो शरीर और मन को गहराई से आराम देती है।
आनंदमूर्ति गुरुमां ने दिव्य संदेश में कहा कि इसे आधुनिक जीवनशैली के अनुसार सरल व
उपयोगी रूप प्रदान किया है। नियमित अभ्यास से तनाव, चिंता और अवसाद कम होते हैं, आत्मविश्वास
बढ़ता है तथा मन अधिक शांत होता है।
इस अभ्यास
के लाभ वैज्ञानिक शोधों से भी प्रमाणित हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, हैदराबाद
के राष्ट्रीय पोषण संस्थान में सात विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा किए गए अध्ययन
में पाया गया कि योग निद्रा से रक्तचाप नियंत्रित होता है, मानसिक स्वास्थ्य सुधरता
है और कॉर्टिसोल व ट्राईग्लिसराइड्स जैसे हानिकारक तत्व घटते हैं।
महात्मा
हरि मिलन ने बताया कि पिछले दो वर्षों से यह उत्सव राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होता रहा
है। वर्ष 2024 में इसे वैश्विक स्तर पर विस्तार मिला और इस वर्ष के सफल आयोजन ने सिद्ध
किया कि योग निद्रा सम्पूर्ण विश्व के लिए स्वास्थ्य, संतुलन और आंतरिक शांति का प्रभावी
साधन बन चुकी है। रविवार का यह आयोजन केवल योग का अभ्यास नहीं, बल्कि एक साँझाआंतरिक
यात्रा थी, ठहरने, विश्राम पाने और भीतर की शांति से जुड़ने का अवसर।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
