
झज्जर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । शरद पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और गुजरात के कई रोगियों ने माजरा स्थित जटेला धाम में महंत राजेंद्र दास के हाथों से उपचारित खीर का प्रसाद ग्रहण किया। भीड़ की वजह से कई घंटे जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस व स्वयंसेवकों ने यात्रियों व रोगियों को कोई कठिनाई नहीं होने दी।
दिनभर सत्संग व भंडारे का कार्यक्रम चला रहा, जिसमें जाने-माने संत, महर्षि व डॉक्टर और वैद्य आए हुए थे। इस बार 17 हजार टोकन छह अक्टूबर की शाम तक वितरित हो गए थे। न्यूजीलैंड से भी पांच रोगी दवाई युक्त खीर का सेवन करने के लिए आए। यानी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय आयुर्विज्ञान का लोहा जटेला धाम ने मनवा दिया है। इस मौके पर खीर लाभार्थियों को संबोधित करते हुए महेंद्र राजेंद्र दास व सूर्यानंद महाराज ने कहा कि साल में 12 पूर्णमासी आती हैं लेकिन शरद पूर्णिमा के चंद्र किरणों का विशेष महत्व है।
इन किरणों से उपचारित खीर रोगियों के लिए आरोग्य का वरदान साबित होगी क्योंकि आयुर्वेद आयु और ज्ञान का वेद है, यानी इससे आयु बढ़ाने और जीवनभर स्वस्थ रहने के तरीके इजाद किए जाते हैं। यह उपचारित खीर विशेष तरह का एक आरोग्य टॉनिक है। इस दिन चंद्रमा अपनी ओजस्वी किरणों के साथ अमृत वर्षा करता है। जब बादलों में चंद्रमा बाहर निकलता था तो भक्तों के मुख से स्वामी नितानंद महाराज के जयकारे अनायास निकल पड़ते थे।
रात के तीन बजे से सुबह सूर्य निकलने तक उपचारित खीर से रोगी लाभ उठाते रहे। इस खीर में दुर्लभ जड़ी बूटियां भी मिलाई गई थी, जो आयुर्वेद के हिसाब से श्वास, दमा व नजले में रामबाण साबित होगी। महंत राजेंद्र दास ने कहा कि इस खीर रूपी दवाई के सेवन के लिए हर साल मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। माजरा दूबलधन से जटेला धाम के 5.6 किलोमीटर के रास्ते में सात घंटे तक जाम लग रहा। इस मौके पर विकास पासौरिया, आशीष कादयान, चांद कादयान व सुरेंद्र कादयान आदि काफी महानुभाव उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
