
जयपुर, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । इस बार कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या दो दिन 20 और 21 अक्टूबर को रहेगी। दीपावली रात्रि का त्योहार हैं। प्रदोष काल और निशीथ काल में स्थिर लग्न में माता लक्ष्मी की आराधना होती हैं। 20 अक्टूबर को प्रदोष काल और रात्रि के समय अमावस्या तिथि रहेंगी जो 21 अक्टूबर को शाम 5:56 बजे तक रहेगी।
पंडित श्री कृष्ण चंद्र शर्मा ने बताया कि 20 को प्रदोष काल और स्थिर लग्न के साथ अमावस्या भी रहेगी । इसी दिन दीपावली मनाना श्रेष्ठ हैं। दीपावली पर उदियात तिथि नहीं मानी जाती हैं । कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि की का आरंभ 20 अक्टूबर दोपहर 3:46 पर होगा और 21 अक्टूबर को शाम 5:56 बजे समापन हो जाएगा । प्रदोष काल में गृहस्थ और निशीथ काल में व्यापारी स्थिर लक्ष्मी की पूजा करते हैं । 21 अक्टूबर को भी अमावस्या साढ़े तीन प्रहर से अधिक रहेगी और प्रतिपदा वृद्धि गामिनी भी हैं इसलिए 21 अक्टूबर को भी लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं । हिंदू सनातन धर्म में चार पर्व रात्रि में मनाएं जाते हैं । जैसे कालरात्रि- महा शिवरात्रि, महारात्रि- दीपावली, मोहरात्रि- कृष्ण जन्माष्टमी, दारुण रात्रि – होली का दहन की रात्रि आदि । आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि 20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन का समय दोपहर 3:46 से शाम को 7:27 तक और स्थिर लग्न में रात्रि 7:17 से 09:14 तक हैं। 21 अक्टूबर अमावस्या को पितरों के लिए स्नान-दान किया जाएगा। 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा दोपहर 3 बजे से शाम 5:51 तक,इसके बाद रात्रि में 7:25 से रात्रि 12 बजे तक। 23 अक्टूबर को भैया दूज मुहूर्त सुबह 6:27 से 07:52 तक, सुबह 10:45 से 3 बजे तक । शाम को 4:25 से रात्रि 9 बजे तक । छह दिन का दीपोत्सव रहेगा। 18 अक्टूबर को धनतेरस, 19 अक्टूबर को छोटी दिवाली,रूप चौदस, 20 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या दीपावली, 21 अक्टूबर को स्नान-दान की अमावस्या, 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा, 23 अक्टूबर को भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा।
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(Udaipur Kiran)
