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26 वर्ष सेवा पूर्ण करने पर ग्रेड पे पर करें विचार: उच्च न्यायालय

नैनीताल, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली निवासी एक कर्मचारी की ग्रेड पे से जुड़ी याचिका पर अहम आदेश में अधिशासी अभियंता को आदेशित किया है कि याचिकाकर्ता के प्रस्तुत दस्तावेज और अन्य उपलब्ध प्रमाणों पर विचार करते हुए मामले का निस्तारण तीन माह के भीतर किया जाए। याचिकाकर्ता को आदेश की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत करने के बाद सभी साक्ष्य रखने का अवसर मिलेगा। कोर्ट ने इस आदेश के साथ ही याचिका को निस्तारित कर दिया है।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार चमोली निवासी संग्राम सिंह नेगी ने उच्च

न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि वह 1979 में चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्त हुआ था। उसके बाद 1 अप्रैल 1981 को उसे मेड के पद पर नियुक्ति दे दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उसे 26 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 4200 रुपये ग्रेड पे का लाभ मिलना चाहिए। याचिका में कहा कि इसी प्रकार का लाभ वहीं के मेड के पद से सेवानिवृत्त कर्मचारी को इसका लाभ दिया जा रहा है लेकिन याचिकाकर्ता को इसका लाभ दिए जाने के संबंध में विभाग ने उसकी मांग यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि नियुक्ति वर्ष 1981 का कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जिसके बाद उसने आटीआई से इस संबंध में सूचना मांगी तो उसको प्रमाण प्राप्त हो गया है कि वह 1 अप्रैल 1981 में मेट के पद पर नियुक्ति पाई थी। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत पत्रावली में स्पष्ट रूप से दर्ज है कि उसे 1 अप्रैल 1981 से निर्माण खंड प्रथम में मेट के पद पर नियुक्त किया गया था। कोर्ट ने माना कि इस दस्तावेज पर विभाग को पुनर्विचार करना चाहिए। अधिशासी अभियंता को आदेशित किया है कि वह याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेज और अन्य उपलब्ध प्रमाणों पर विचार करते हुए मामले का निस्तारण तीन माह के भीतर किया जाए।

(Udaipur Kiran) / लता

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