लखनऊ, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यह संकल्प लिया है कि राइट टू एजुकेशन एक्ट के अनुरूप किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। इसी सोच के तहत छोटे और कम संसाधनों वाले स्कूलों की नजदीकी स्कूलों से पेयरिंग की जा रही है ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। इस पेयरिंग से न सिर्फ बच्चों को स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब, खेल के अवसर और पियर लर्निंग जैसे अनुभव मिलेंगे, बल्कि शिक्षक-छात्र अनुपात भी बेहतर होगा। पेयरिंग से इन स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के सभी 19 पैरामीटर्स जैसे शौचालय, पेयजल, फर्नीचर, डिजिटल शिक्षा, बाल वाटिका आदि में सुधार संभव होगा। सरकार ने ये भी तय किया है कि यदि भविष्य में नामांकन बढ़ता है तो पुराने स्कूलों में फिर से पढ़ाई शुरू की जाएगी। यह पेयरिंग व्यवस्था छात्रों के सर्वांगीण विकास और शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भविष्य में यूपी के लाखों बच्चों की शिक्षा और भविष्य दोनों को संवारने में मदद करेगा।
शिक्षकों, संसाधनों और भवनों का होगा बेहतर उपयोग
उत्तर प्रदेश में ऐसे कई सरकारी स्कूल हैं जहां एक ही शिक्षक को पांच कक्षाओं को पढ़ाना पड़ता है, जिससे न पढ़ाई ढंग से हो पाती है, न बच्चे कुछ सीख पाते हैं। इसके साथ ही, कई विद्यालयों में निर्धारित सीमा से भी काफी कम संख्या में छात्र हैं। यही कारण है कि सरकार ने स्कूल पेयरिंग का फैसला लिया, ताकि शिक्षकों, संसाधनों और भवनों का बेहतर उपयोग हो सके। पेयरिंग का मतलब है कि कम नामांकन (50 से कम) वाले स्कूलों को नजदीकी (1 किमी. के भीतर प्राथमिक और 3 किमी. के भीतर उच्च प्राथमिक) सुव्यवस्थित स्कूलों से जोड़ा जाए। पेयरिंग तीन प्राथमिक आधारों पर की जा रही है। पहला, जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या नामांकन सीमा से कम है। दूसरा, जो स्कूल बहुत पास-पास (1 किमी. से कम दूरी पर) स्थित हैं। और तीसरा, जहां छात्र तो हैं, पर शिक्षक नहीं हैं या भवन जर्जर हालत में है।
स्कूलों की पहुंच पर भी दिया जा रहा विशेष ध्यान
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों और रसोइयों की पोस्ट भी नहीं हटाई जाएगी, बल्कि 50 तक नामांकन वाले स्कूलों में कम से कम तीन शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है। भवनों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी ऑडिट कराए जा रहे हैं और जर्जर भवनों को हटाया जा रहा है। सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि बच्चों को स्कूल पहुंचने में कोई दिक्कत न हो। रेलवे क्रॉसिंग, हाईवे या नाले जैसी बाधाओं को ध्यान में रखते हुए ही पेयरिंग की जा रही है। सरकार का यह भी संकल्प है कि पेयरिंग वाले स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के सभी 19 बिंदुओं पर सुधार सुनिश्चित किया जाएगा। इससे स्मार्ट क्लास, शुद्ध पेयजल, शौचालय, पुस्तकालय, खेल का मैदान जैसी सुविधाएं हर बच्चे को मिल सकेंगी। यदि किसी क्षेत्र में पेयरिंग से संबंधित कोई समस्या आती है तो तत्काल समाधान भी किया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
