Madhya Pradesh

मप्र में जनजाति गौरव दिवस पर जनजातीय समुदाय की गौरव गाथाओं का होगा भव्य प्रदर्शन

जनजातीय गौरव दिवस की तैयारी के संबंध में आयोजित संबंधित विभागों की समन्वय बैठक

– समृद्ध आदि संस्कृति के होंगे दर्शन, मंत्री डॉ. शाह ने तैयारियां करने के दिए निर्देश

भोपाल, 07 नवंबर (Udaipur Kiran) । धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती वर्ष में जनजाति गौरव दिवस 15 नवंबर को मध्य प्रदेश में जनजातीय समुदाय की उल्लेखनीय उपलब्धियों एवं गौरव गाथाओं को भव्य रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। देश की स्वतंत्रता में योगदान देने वाले जनजातीय महानायकों के योगदान और उनके संघर्षपूर्ण जीवन का स्मरण किया जाएगा। जनजाति बहुल जिलों में पारंपरिक वेशभूषा, वाद्य यंत्रों से सज्जित नृत्य समूहों की रैलियां आयोजित की जाएंगी। प्रदेश की जनजातीय संस्कृति का गरिमापूर्ण प्रदर्शन होगा। राज्य सरकार के विभिन्न विकास कार्यक्रमों, नीतियों के फलस्वरूप जनजातीय समुदाय में आए सकारात्मक सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक बदलाव को रेखांकित किया जाएगा। जनजातीय बंधुओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं से जुड़े हुए विभागों द्वारा विशेष आयोजन किए जाएंगे। नए विकास कार्यों का शुभारंभ होगा और हितग्राहियों को हित लाभ वितरित किए जाएंगे।

यह जानकारी प्रदेश के जनजाति कार्य मंत्री डॉ. विजय शाह ने शुक्रवार को जनजातीय गौरव दिवस की तैयारी के संबंध में आयोजित संबंधित विभागों की समन्वय बैठक में दी। इस अवसर पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनजातीय समाज की सांस्कृतिक गतिविधियों का एक कैलेंडर बनाने के भी निर्देश दिए। बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि जनजातीय समाज के युवाओं में सकारात्मक परिवर्तन आया है। वे बड़े संस्थानों में पढ़ रहे हैं और नौकरियां कर रहे हैं। कई युवा स्वतंत्र रूप से उद्यमी बन गए हैं। सरकार के निरंतर हस्तक्षेप से जनजाति परिवार अब खुशहाल हो रहे हैं। सभी बुनियादी सुविधाओ जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी तक उनकी पहुंच आसान हो गई है।

मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के के नेतृत्व में जनजातीय गरिमा का पूरा सम्मान रखा गया हैं। जनजाति परिवारों और उनकी प्रतिभा को पूरा आदर मिला है। गौरव दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा के अलावा टंट्या मामा, राजा शंकर शाह, राजा रघुनाथ शाह, रानी दुर्गावती, भीमा नायक, माता शबरी और कई अन्य जनजातीय महानायकों के योगदान और जीवन यात्रा पर आधारित प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी और नई पीढ़ी को उनके योगदान से परिचित कराया जाएगा। जनजातीय कलाकारों द्वारा विशेष रैलियां निकाली जाएंगी। उनकी कलाओं का व्यापक प्रदर्शन होगा। स्थानीय जनजातीय नेताओं को भी आयोजन संबंधी जिम्मेदारियां दी गई हैं। जिला स्तरीय सांस्कृतिक एवं खेलकूद गतिविधियों को व्यापक रूप से आयोजित किया जाएगा। जनजातीय समुदायों द्वारा पारंपरिक रूप से अपनाई गई कलाओं की प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, पेंटिंग एवं खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित होगी।

संस्कृति, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, जनजाति कार्य, लोक स्वास्थ्य, वन, महिला एवं बाल विकास और पंचायत विभाग द्वारा जनजाति विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओ के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। बैठक में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा एवं जनजातीय विकास आयुक्त श्रीमन शुक्ला, मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) तोमर