Haryana

ईडब्ल्यूएस आवास काे पांच साल तक बेचने व ट्रांसफर पर रहेगी रोक

-सरकार ने ईडब्ल्यूएस के लिए जारी की पॉलिसी

चंडीगढ़, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए ‘ईडब्ल्यूएस पॉलिसी-2025’ जारी की है। यह नई नीति पुराने सभी प्रावधानों को रद्द कर, आधुनिक प्रणाली लागू करती है, जिसका उद्देश्य है-‘हर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है।’ इस नीति को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा तैयार किया गया है और इसे ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ विभाग के माध्यम से लागू किया जाएगा।

नीति की घोषणा करते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने कहा कि ईडब्ल्यूएस पॉलिसी-2025 का लक्ष्य केवल मकान देना नहीं, बल्कि सामाजिक समानता सुनिश्चित करना है।

ईडब्ल्यूएस आवास को पांच साल तक बेचना या ट्रांसफर करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। अगर कोई व्यक्ति यह नियम तोड़ता है, तो उस पर 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। यानी जितनी कीमत पर घर मिला, उतनी ही राशि का दंड देना होगा। ऐसे मामलों में आवंटन भी रद्द किया जा सकेगा। नई नीति के तहत अब हर कॉलोनी और हाउसिंग प्रोजेक्ट में गरीब तबके के लिए अनिवार्य हिस्सा तय किया गया है। सरकार ने निर्देश दिया है कि हर लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी में 20 प्रतिशत प्लॉट्स और हर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में 15 प्रतिशत फ्लैट्स गरीब वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित होंगे। कालोनियों में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत रिजर्व रखे जाने वाले प्लाट 50 से 125 वर्ग मीटर साइज के होंगे। इसी तरह इस वर्ग के लिए फ्लैट का साइज 200 से 400 वर्ग फुट तय किया है।

इतना ही नहीं, सरकार ने दरें भी तय कर दी हैं। ईडब्ल्यूएस प्लॉट्स की कीमत 600 प्रति वर्ग मीटर और फ्लैट्स की कीमत 1.50 लाख (या 750 प्रति वर्ग फुट) की दर पर उपलब्ध होंगे। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी और संचालन हाउसिंग फॉर ऑल विभाग करेगा। डेवलपर्स (लाइसेंस धारक) अपने ईडब्ल्यूएस हिस्से के प्लॉट्स और फ्लैट्स इस विभाग को सौंपेंगे, जो आगे इन्हें योग्य आवेदकों को आवंटित करेगा। विभाग आवेदकों की स्क्रीनिंग करेगा और ड्रॉ ऑफ लॉट्स (लॉटरी) के माध्यम से पात्र व्यक्तियों का चयन करेगा।

नीति के अनुसार, हर आवेदन के साथ 10,000 की पंजीकरण राशि जमा करनी होगी। अगर आवेदक चयनित होता है, तो यह राशि अंतिम भुगतान में समायोजित होगी। असफल आवेदकों को यह रकम दो माह के भीतर बिना ब्याज लौटाई जाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी व्यक्ति सरकारी सब्सिडी वाले घर का गलत उपयोग या पुनर्विक्रय न कर सके।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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