
श्रीनगर, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन के साथ जम्मू-कश्मीर की शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव आ रहे हैं जिससे पूरे केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी स्कूलों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
श्रीनगर के कोठी बाग हायर सेकेंडरी स्कूल में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि एनईपी ने शैक्षणिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाया है क्योंकि स्कूल धीरे-धीरे पुराने शिक्षण पैटर्न से हटकर नवीन और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनईपी के सफल कार्यान्वयन से सरकारी स्कूलों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।
सिन्हा ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे में सुधार, शिक्षण विधियों को उन्नत करके और छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करके सरकारी स्कूलों को निजी संस्थानों के बराबर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने केवल शैक्षणिक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बच्चों की विविध प्रतिभाओं को पहचानने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने छात्रों की अंतर्निहित प्रतिभा को पहचानना और उसका पोषण करना चाहिए। स्कूलों को उनके कौशल को आकार देने में मदद करनी चाहिए ताकि वे अपने चुने हुए क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें।
शिक्षा में बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि डिग्री हासिल करने की पारंपरिक मानसिकता से आगे बढ़कर छात्रों को बहु-कौशल, रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच क्षमताओं से लैस किया जाए।
जम्मू-कश्मीर में छात्राओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए सिन्हा ने कहा कि लड़कियाँ शिक्षा के साथ-साथ सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों में भी लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लड़कियाँ असाधारण प्रदर्शन कर रही हैं और देश के विकास में योगदान दे रही हैं। वे कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
उपराज्यपाल ने दोहराया कि सरकार युवा प्रतिभाओं को पोषित करने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों का आत्मविश्वास के साथ सामना करने के लिए तैयार करने हेतु स्कूली शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करना जारी रखेगी।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह