Uttar Pradesh

देवरिया-कुशीनगर के युवाओं में वैज्ञानिक बनने की ललक, देख रहे अंतरिक्ष के सपने

फोटो
फोटो
फोटो
फोटो

देवरिया, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । देवरिया लोकसभा क्षेत्र के तमकुहीराज में होने जा रहे इन-स्पेस मॉडल रॉकेट्री/कैनसैट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25 को लेकर सिर्फ वैज्ञानिकों की टीम ही उत्साहित नहीं हैं, बल्कि इसका सबसे गहरा असर स्थानीय युवाओं और छात्रों में देखा जा रहा है। सांसद शशांक मणि की ‘अमृत प्रयास’ पहल से जिस तरह से नारायणी के तट पर प्रक्षेपण स्थल का निर्माण हुआ है, उसे देखकर स्थानीय छात्र अब क्रिकेट या फिल्मों के नहीं, बल्कि रॉकेट और स्पेस साइंस के सपने देखने लगे हैं।

देश भर के 600 युवा वैज्ञानिकों के साथ 120 वरिष्ठ वैज्ञानिकों का आगमन भले ही शनिवार से शुरू होगा, लेकिन तैयारियों को देखने के लिए स्थानीय स्कूलों के छात्र लगातार आयोजन स्थल के आसपास पहुंच रहे हैं। उनके लिए यह घटना महज एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी एस टी ई एम (STEM) के नए युग की शुरुआत है।

तमकुहीराज और आसपास के क्षेत्रों के लिए, जो कभी शैक्षणिक रूप से पिछड़े माने जाते थे, यह आयोजन एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। सांसद शशांक मणि ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से देवरिया-कुशीनगर की पहचान केवल एक जिले तक सीमित न होकर, विज्ञान और अंतरिक्ष नवाचार की धरती के रूप में स्थापित होगी। यही कारण है कि स्थानीय छात्र अब खुद को इस बड़े ‘विकसित भारत @2047’ मिशन का हिस्सा मान रहे हैं।

–स्थानीय युवाओं में प्रेरणा के प्रमुख केंद्र

मॉडल रॉकेट्री लांच पैड की तैयारी: लांच पैड से कमांड सेंटर को एक किमी की दूरी पर तैयार किया गया है। छात्रों को यह देखकर रोमांच हो रहा है कि उनके गांव-शहर में ऐसा विशालकाय मंच बन रहा है, जहां से रॉकेट लॉन्च होंगे। इसे देखकर कई छात्रों ने कहा कि वे अब इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहते हैं।

साइंस म्यूजियम गैलरी: प्रतियोगिता केवल रॉकेट लांचिंग तक सीमित नहीं है। यहां एक आर्ट एंड स्पेस गैलरी तैयार हो रही है, जो साइंस म्यूजियम का काम करेगी। छात्र यहां देश में विज्ञान के विस्तार के इतिहास को समझ पाएंगे। इस हैविटेट एरिया में यूपी के आठ जिलों से आए ‘आर्ट एंड स्पेस कंप्टीशन’ के विजेता छात्र अंतरिक्ष जैसे दृश्यों का अनुभव करेंगे।

आर्ट एंड स्पेस कंप्टीशन के विजेता: उत्तर प्रदेश के 8 जिलों से आने वाले ‘आर्ट एंड स्पेस कंप्टीशन’ के विजेता छात्रों में स्थानीय युवा अपना रोल मॉडल देख रहे हैं। ये विजेता छात्र ‘हैविटेट एरिया’ में अंतरिक्ष जैसे दृश्यों का अनुभव करेंगे, जो स्थानीय बच्चों को यह विश्वास दिला रहा है कि विज्ञान का क्षेत्र उनके लिए भी सुलभ है।

विज्ञान की ओर बढ़ेगा रुझान, करियर की नई राह: स्थानीय शिक्षाविदों का मानना है कि इस आयोजन के कारण विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित (STEM) विषयों के प्रति स्थानीय छात्रों का रुझान बढ़ेगा। यह आयोजन उन्हें यह समझा रहा है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी केवल रॉकेट लॉन्चिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध कृषि, मौसम पूर्वानुमान और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों से है, जिनमें भविष्य में रोजगार और उद्यमिता के अपार अवसर हैं।

कक्षा 12 के छात्र रोहित कुशवाहा ने कहा हम साइंस फिक्शन फिल्मों में रॉकेट देखते थे, पर अब अपने घर के पास लांच पैड बन रहा है। इस इवेंट ने विज्ञान के प्रति रूचि को और बढ़ा दिया है । गुड्डू यादव ने कहा यह हमारे लिए सबसे बड़ा मौका है। यहां STEM शिक्षा को लेकर जो जागरूकता आ रही है, उससे मुझे लगता है कि भविष्य में हम भी डेटा एनालिटिक्स और स्पेस-टेक में करियर बना सकते हैं। कृष्णा ने कहा बाहर से इतने सारे वैज्ञानिक आ रहे हैं, यह सोचकर ही गर्व होता है। मैं उनकी असेंबली और वर्कशॉप को करीब से देखना चाहता हूं, ताकि मुझे पता चले कि रॉकेट कैसे काम करते हैं। शाहिल चौहान ने कहा हमारे क्षेत्र में इतने बड़े वैज्ञानिक कार्यक्रम का होना किसी सपने से कम नहीं है। अब मुझे विज्ञान पढ़ने में ज्यादा मजा आ रहा है और मैं भी अंतरिक्ष के बारे में और जानना चाहता हूं।

अपडेट:

– लांच पैड के निर्माण का काम पूरा हो चुका है।

– रॉकेट असेम्बल का काम लगभग पूरा हो चुका है।

– जर्मन हेंगर टेंट में स्टेज बनकर तैयार हो गया है।

– आर्ट एंड स्पेस गैलरी में उपकरण लगाए जा रहे हैं।

– वैज्ञानिकों की एक टीम आ चुकी है जो, कुशीनगर के होटलों में निवास कर रही है।

(Udaipur Kiran) / ज्योति पाठक

Most Popular

To Top