Assam

हिंदू आतंकवाद शब्द कांग्रेस का जानबूझकर गढ़ा गया राजनीतिक झूठ : डॉ. सरमा

असमः गुवाहाटी के दिसपुर में कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते मुख्यमंती डॉ. हिमंत बिस्व सरमा

-असम मुख्यमंत्री ने मालेगांव विस्फोट पर आए अदालत के फैसले का किया स्वागत

गुवाहाटी, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने महाराष्ट्र में विशेष एनआईए अदालत के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपितों को बरी किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री डाॅ. सरमा ने राजनीतिक तुष्टीकरण के लिए हिंदू आतंक शब्द गढ़ने के लिए पिछली यूपीए सरकार की कड़ी आलोचना की।

मुख्यमंत्री डाॅ. सरमा गुरुवार काे राज्य कैबिनेट बैठक के बाद यहां पत्रकाराें से बातचीत कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि विशेष एनआईए अदालत के फैसले को सांस्कृतिक मूल्यों की पुष्टि बताया और राजनीतिक तुष्टीकरण के लिए हिंदू आतंक शब्द गढ़ने के लिए पिछली यूपीए सरकार की कड़ी आलोचना की।उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में दिए गए हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा, केंद्रीय गृह मंत्री ने सदन में कहा था कि दर्शन के अनुसार, हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकते क्योंकि हमारी सभ्यता कभी हिंसा को बढ़ावा नहीं देती। मुंबई की अदालत का फैसला इस दृष्टिकोण की पुष्टि करता है।

मुख्यमंत्री डाॅ. सरमा ने पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर एक विशेष समुदाय को खुश करने के प्रयास में हिंदू आतंक शब्द गढ़ने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने जानबूझकर राजनीतिक निर्माण बताया। उन्होंने कहा, हिंदू और आतंक दो बिल्कुल विरोधाभासी अवधारणाएं हैं। हमारी संस्कृति आतंकवाद में विश्वास नहीं करती और हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकते। यह देखकर बेहद संतोष होता है कि कांग्रेस काल में फैलाई गई झूठी कहानी को अदालत ने पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपितों को बरी करने का अदालत का फैसला न केवल न्याय करता है, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से उस अपमानजनक लेबल को भी मिटा देता है जिसे राजनीतिक लाभ के लिए पूरे समुदाय के साथ गलत तरीके से जोड़ा गया था।————

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

Most Popular

To Top