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ट्रक के पहिए 30 फीट घिसटते रहे, इसका मतलब हत्या का इरादा नहीं था : मप्र हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा, यूनियन कार्बाइड मामले में सरकार राख में पारे को मौजूदगी को अनदेखा न करें

जबलपुर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भोपाल की जिला सत्र न्यायालय द्वारा एक ट्रक ड्राइवर को 29 साल पहले हुई हत्या के आरोप में सुनाई गई उम्र कैद की सजा को जस्टिस विवेक कुमार सिंह और जस्टिस अजय कुमार निरकारी की डिवीजन बेच ने एक अहम फैसले में रद्द कर दिया है।

बेंच ने कहा कि आवेदक का इरादा हत्या करने का होता तो उसके ट्रक के पहिए ३० फीट तक न घिसटते। मृतक की मौत एक हादसा थी. उसे हत्या नहीं माना जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने ड्राइवर को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए उसके द्वारा जेल में बिताई गई सजा को काफी मानते हुए उसे रिहा करने के आदेश दिए। सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा और शुभम मन्छानी ने पक्ष रखा।

उल्लेखनीय है कि भोपाल के बरखेड़ी टोला में 2 फरवरी 1996 की दोपहर 2 बजे ट्रक की टक्कर से स्कूटर सवार सरवर अली की मौत हो गई थी। ट्रक चला रहे रखे लखन महाराज और उसके दो साथियो को हत्या का दोषी पाते हुए भोपाल की जिला सत्र न्यायालय ने 5 अगस्त 1997 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को चुनौती देकर यह अपील हाईकोर्ट में लखन महाराज और सुरेश शर्मा की ओर से दायर की थी।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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