
चित्तौड़गढ़, 28 जून (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय के करीब पांच किलोमीटर दूर भालू का मूवमेंट था। भालू एक स्थान पर बैठा था जिसे ट्रेंकुलाइज करना आसान था। वन विभाग की टीम समय पर पहुंच गई और शूटर भी आ गया। फिर भी दो घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ गया। सूचना के बावजूद पशु चिकित्सक को जिला मुख्यालय से मानपुरा पहुंचने में दो घंटे से ज्यादा का समय लग गया। तब तक ग्रामीण और वन विभाग की टीम इंतजार करती रही। गनीमत रही कि भालू एक ही स्थान पर बैठा रहा। यहां से मूवमेंट दूसरी तरफ हो जाता तो सुरक्षित रेस्क्यू करना मुश्किल हो जाता। बाद में भालू को सुरक्षित रेस्क्यू कर उसके प्राकृतिक आवास के क्षेत्र में छोड़ा गया।
जानकारी के अनुसार चितौड़ दुर्ग और शहर के आस पास के ग्रामीण क्षेत्र में भालू का एक माह में दूसरी बार मूवमेंट हुआ। वहीं हर समय यह आशंका बनी रही कि भालू किसी पर हमला नहीं कर दें। इसके लिए वन विभाग की टीम ग्रामीणों को अलर्ट भी करती रही। वहीं शनिवार को मानपुरा के खनन क्षेत्र में यह भालू पहुंच गया और गिट्टी क्रेशर के एक टीन शेड पर बैठ गया। इससे क्षेत्र के लोगों में दहशत व्याप्त हो गई। इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी गई। उप वन संरक्षक राहुल झांझड़िया के निर्देश पर टीम मौके पर पहुंच गई। भालू को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू करना था, जिसके लिए बस्सी सेंचुरी से शूटर भी आ गया। नियमानुसार ट्रेंकुलाइज करने के दौरान पशु चिकित्सक की उपस्थिति अनिवार्य है। वन विभाग की ओर से पशु चिकित्सक को सूचना भी कर दी गई। लेकिन करीब दो घंटे तक पशु चिकित्सक नहीं पहुंचे। इससे भालू को रेस्क्यू करने के लिए इंतजार करना पड़ा। वहीं जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर ही भालू बैठा था। लेकिन पशु चिकित्सक के समय पर नहीं आने से सभी को इंतजार करना पड़ा। यह भी सही रहा कि थकान के चलते भालू वहीं बैठा रहा। यहां से आगे निकल जाता तो जंगल में तलाश करना मुश्किल हो जाता।
एनीकेट पार कर पहुंचा खनन क्षेत्र में
जानकारी में सामने आया कि गंभीरी नदी पर बने एनिकट के नजदीक अचानक एक वयस्क भालू दिखाई देने से दहशत फैल गई। भोईखेडा एनीकट के समीप एक विशालकाय भालू की सूचना फैलते ही वहां भीड़ एकत्रित हो गई। भालू का आकार देख कर भय का माहौल बन गया और अफरा तफरी मच गई। इसकी सूचना तुरंत वन विभाग और वन्य जीव प्रेमी मनीष तिवारी को दी गई। सूचना पर उपवन संरक्षक राहुल झांझरिया के निर्देश पर वन विभाग की टीम एवं मनीष तिवारी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए रवाना हुए। लेकिन तब तक भालू एनीकट पार कर मानपुरा खदान क्षेत्र में पहुंच गया यहां मजदूरों एवं ग्रामीणों की भारी उपस्थिति देख भागता हुआ एक गिट्टी क्रेशर पर बने टीन शेड पर जाकर बैठ गया। संभवतः काफी अधिक भागने व थकान के कारण वह घंटों वहीं बैठ रहा। वन विभाग की टीम ने पहुंच कर जायजा लिया। भालू को ट्रेंकुलाइज करने का निर्णय लिया। इसके लिए बस्सी से गन एवं ट्रेंकुलाइज टीम को बुलाया गया। यहां करीब 3 घंटे की भारी मशक्कत के बाद भालू को वनपाल मनोहर जाट द्वारा ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। इसके उपरांत पशु चिकित्सक डॉक्टर धर्मेंद्र सोन से मेडिकल मुआयना कराया गया। बाद में टीम भालू को उपयुक्त स्थान पर छोड़ने के लिए रवाना हो गई। इस मौके पर वन्य जीव मनीष तिवारी के साथ वन विभाग के मनोहर जाट, मुकेश खारोल, तेज सिंह, नाथू सिंह, भूपेंद्र, प्रकाश सेन आदि उपस्थित थे।
—————
(Udaipur Kiran) / अखिल
