Uttar Pradesh

राज हवेली में लगा राज दरबार, 1778 से शुरू हुई परम्परा आज भी कायम

राज दरबार में बैठे दरबारी
हवेली में राजा को लगान देते हुए दरबारी
शस्त्र पूजन करते हुए राजा अवनींद्र दत्त दुबे

जौनपुर,02 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । विजयदशमी के अवसर पर गुरुवार को राजा अवनींद्र दत्त ने हवेली में पारंपरिक शस्त्र पूजन किया। यह आयोजन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ, जिसमें जिले के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। यह परंपरा 246वीं बार निभाई गई है।

जौनपुर रियासत के 12वें नरेश कुंवर अवनींद्र दत्त ने राज पुरोहित पंडित जनार्दन मिश्र के सानिध्य में विधि-विधान से शस्त्रों का पूजन किया। इस ऐतिहासिक परंपरा की शुरुआत राजा शिवलाल दत्त ने 1778 में की थी। तब से लेकर आज तक यह हर विजयदशमी पर आयोजित होती आ रही है।

शस्त्र पूजन के बाद दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के व्यापारी, ठिकानेदार, राज वैद्य और हकीम सहित अन्य प्रतिष्ठित लोग पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। इन सभी ने राजा को लगान भेंट कर राजा के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की।

इसके उपरांत, पोखरा स्थल पर राजा के हाथों रावण दहन किया गया। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए गांव-देहात से बड़ी संख्या में लोग उमड़े। रावण दहन के बाद शमी पूजन कर राजा हवेली लौटे, जिसके साथ विजयदशमी के अनुष्ठान संपन्न हुए। राजा के दरबार में लगने वाले राज दरबार के बारे में जानकारी देते हुए हवेली के प्रतिनिधि राज डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य कैप्टन. डॉ अखिलेश्वर शुक्ला ने बताया कि इस परंपरा की शुरुआत जौनपुर के पहले राजा शिवलाल दत्त ने 1798 में की थी। रानी तिलक कुंवर ने 1848 में पोखरा पर विजयदशमी के मेले की शुरुआत की, जो आज भी जारी है। इस शस्त्र पूजन और दरबार की परंपरा आज भी जौनपुर की गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाए हुए है।लगान की कोई परंपरा नहीं है ये लोग राजा की नजर उतरते हैं।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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