


भोपाल, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश का गांधीसागर क्षेत्र एक बार फिर पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभवों का केंद्र बनने जा रहा है। चंबल नदी पर बने गांधीसागर डैम का मनोहारी बैकवॉटर आज शुक्रवार से साहसिक पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर का नया उत्सव देखने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट के चौथे संस्करण की औपचारिक शुरुआत करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज दोपहर 2ः30 बजे गांधी सागर पहुंचेंगे। गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट में मां चंबल की आरती करेंगे। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मंदसौर की प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया उपस्थित रहेंगी। यह आयोजन लल्लूजी एंड सन्स और इवोक कैंपिंग (Evoke Camping)/इयॉक वेंचर्स (Eyak Venture) के सहयोग से किया जा रहा है।
दरअसल, यह आयोजन पर्यटन के साथ-साथ प्रदेश की प्राकृतिक संपदा, सांस्कृतिक विविधता और सतत विकास की अवधारणा को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास है। गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का यह संस्करण अपने आप में कई मायनों में विशेष है। यहां 50 लग्जरी ऑल-सीजन टेंट्स से सजी एक शानदार टेंट सिटी बनाई गई है, जो पर्यटकों को उच्चस्तरीय सुविधा और प्रकृति के बीच रहने का अद्भुत अनुभव दिलाएगी।
इस संबंध में पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी का कहना है कि यह आयोजन प्रदेश को एडवेंचर टूरिज्म के मानचित्र पर अलग पहचान दिलाने की दिशा में उठाया गया कदम है। उनका कहना है कि गांधीसागर साहसिक पर्यटन का केंद्र है, वहीं कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट वेलनेस और वन्यजीव पर्यटन का हब बन रहा है। इन दोनों आयोजनों से न केवल देश-विदेश से सैलानी आकर्षित होंगे, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
उन्होंने कहा, रोमांच की तलाश में आने वाले पर्यटकों को इस फॉरेस्ट रिट्रीट में हर तरह का अनुभव मिलेगा। धरती पर जंगल सफारी, नाइट वॉक और तितलियों के बगीचे की सैर प्रकृति को करीब से देखने का अवसर देंगे। पानी पर बोट सफारी और बोट स्पा पर्यटकों को शांति और आनंद की अनुभूति कराएंगे। वहीं आसमान छूने की चाह रखने वाले लोग पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग और हॉट एयर बैलूनिंग जैसी गतिविधियों का लुत्फ उठा सकेंगे। जेट स्की और जोरबिंग जैसी खेल गतिविधियां युवाओं के बीच खास आकर्षण होंगी।
अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला बताते हैं कि गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट अनुभव-आधारित पर्यटन का उदाहरण है। उनके अनुसार यहां आने वाले पर्यटक केवल घूमने-फिरने तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे प्रदेश की संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण की पहल का भी हिस्सा बनते हैं। आयोजन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों की भागीदारी प्राथमिकता में रहे।
वे साथ में यह भी कहते हैं कि फॉरेस्ट रिट्रीट की शामें और भी खास होंगी। स्थानीय लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को जीवंत करेंगे। हस्तशिल्प प्रदर्शन और पारंपरिक व्यंजन पर्यटकों को मध्यप्रदेश की संस्कृति से जोड़ेंगे। यह आयोजन केवल एक फेस्टिवल नहीं बल्कि पर्यटन, कला और परंपरा का ऐसा संगम है जो आगंतुकों को प्रदेश की असली पहचान से परिचित कराता है।इसके अलावा आयोजन स्थल पर बटरफ्लाई गार्डन, रॉक गार्डन और प्रकृति संरक्षण पर केंद्रित कार्यशालाएं भी पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। इन गतिविधियों के जरिए खासतौर पर बच्चों और युवाओं को प्रकृति के महत्व को समझाने का प्रयास किया जाएगा। योग और वेलनेस सत्र शरीर और मन दोनों को सुकून देंगे। इस तरह यह आयोजन एक साथ रोमांच और शांति, दोनों का अनुभव कराने का वादा करता है।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
