
जयपुर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । जयपुर मेट्रो-द्वितीय की एसीबी मामलों की विशेष कोर्ट-2 ने 15 साल पहले मकान का नियमन कर उसका पट्टा जारी करने की एवज में 3500 रुपये की रिश्वत लेने के अभियुक्त जेडीए के तत्कालीन कनिष्ठ सहायक सुशील कुमार को दो साल की जेल व 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
कोर्ट के जज प्रहलाद राय शर्मा ने फैसले में कहा कि परिवादी ने पट्टे के लिए रिश्वत मांगी और उसे लेते हुए ट्रेप हुआ है। जबकि लोक सेवक के तौर पर उससे निष्ठा व ईमानदारी से काम करने की अपेक्षा थी। उसने अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं कर उसका दुरुपयोग करते हुए भ्रष्ट आचरण किया है। ऐसे में अभियुक्त को दंड़ित करना उचित होगा। मामले के अनुसार, परिवादी प्रेमकुमार ने एसीबी में 25 मई 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने अपनी पत्नी के नाम से भूखंड का पट्टा जारी करने के लिए जेडीए में आवेदन कर सभी कमियां पूरी कर दीं थीं। लेकिन वहां के बाबू सुशील ने इसके लिए उससे 3500 रुपये मांगे हैं। परिवादी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे ट्रेप किया। अभियोजन की ओर से 19 गवाहों के बयान दर्ज कराए और संबंधित दस्तावेजों को पेश किया। कोर्ट ने गवाहों व सबूतों पर अभियुक्त को सजा सुनाई।
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(Udaipur Kiran)
