
जयपुर, 25 जून (Udaipur Kiran) । एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-2, महानगर द्वितीय ने बारदाने की बिक्री की करीब 1.16 लाख रुपए की राशि का गबन करने से जुड़े मामले में सीडीपीओ, उदयपुरवाटी के तत्कालीन कैशियर कृष्ण सिंह को दो साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर तीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी प्रहलाद राय शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने बारदाने की राशि को ना तो बैंक में जमा करवाया और ना ही राजकोष में जमा करवाया। ऐसे में उसने पद का दुरुपयोग किया है, जबकि उससे पूरी निष्ठा व लोक सेवक के तौर पर कार्य करने की अपेक्षा थी। मौजूदा समय में भी लोक सेवक अपने पदों का दुरुपयोग व भ्रष्ट आचरण कर अवैध तौर पर काम कर रहे हैं। ऐसे में अभियुक्त को दंडित करना उचित होगा। इसके अलावा अदालत ने मामले में तत्कालीन कार्यवाहक सीपीडीओ हेमंत चौहान को भ्रष्टाचार व फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मंजुला जैन ने अदालत को बताया कि एसीबी के झुंझुनूं ऑफिस को 11 दिसंबर 2007 को गुप्त सूचना मिली थी कि सीडीपीओ, उदयपुरवाटी में साल 2004-05 व 2006-07 की अवधि में खाली बारदाने की बिक्री की थी, लेकिन इसकी राशि को कैशबुक में नहीं दिखाया गया और ना ही राजकोष में जमा कराई गई। सूचना पर एसीबी ने अनुसंधान कर 1.16 लाख रुपए का गबन मानते हुए अभियुक्त के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया।
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(Udaipur Kiran)
