
जब होता अनुभव और जुनून का संगम, तब कोई भी शिखर असंभव नहीं रहता : प्रो. नरसी राम बिश्नोईहिसार, 19 जून (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय के 11 सदस्यीय साहसिक दल के वरिष्ठ शिक्षकों एवं अधिकारियों ने 6100 मीटर ऊंची ‘शिन कुन ईस्ट पीक’ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करते हुए वहां विश्वविद्यालय का ध्वज फहराया है। यह उपलब्धि हाल ही में संपन्न इस अभियान के समापन पर प्राप्त हुई।इस ऐतिहासिक सफलता पर कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने गुरुवार काे दल के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि यह मिशन हमारे विश्वविद्यालय की सामूहिक चेतना, साहस, संकल्प और पर्यावरणीय जागरूकता का जीवंत प्रतीक है। जब विश्वविद्यालय का ध्वज हिमालय की ऊंचाइयों पर लहराया, वह क्षण सम्पूर्ण गुजविप्रौवि परिवार के लिए प्रेरणा और गौरव का शिखर बन गया। दल के सदस्यों में संयोजक प्रो. संजीव कुमार, प्रो. कर्मपाल नरवाल, प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई, प्रो. राजीव कुमार, डॉ. शशि भूषण लूथरा, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. एसएस जोशी, डॉ. विमल झा, डॉ. मनोज मेडल, डॉ. सुनील कुमार एवं राजेश पूनिया शामिल रहे।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि इस दल की औसत आयु 52 वर्ष से अधिक होने के बावजूद, उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, शारीरिक क्षमता और टीम भावना ने सिद्ध कर दिया कि अनुभव और जुनून का जब संगम होता है, तब कोई भी शिखर असंभव नहीं रहता। यह विजय न केवल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले गई है, बल्कि युवा विद्यार्थियों को भी यह संदेश देती है कि साहस, अनुशासन और प्रतिबद्धता के साथ कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।अभियान के संयोजक प्रो. संजीव कुमार ने सफल अभियान की जानकारी साझा करते हुए बताया कि अत्यंत चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के बावजूद, दल ने आपसी सहयोग और धैर्य से यह कठिन चढ़ाई पूरी की। उन्होंने कुलपति व विश्वविद्यालय प्रशासन का विशेष धन्यवाद किया, जिनकी प्रेरणा और समर्थन इस उपलब्धि के मूल में रहा। उन्होंने बताया कि यह अभियान अब विश्वविद्यालय के इतिहास में एक प्रेरणादायक अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है, जो आने वाले वर्षों में विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों और समस्त शैक्षणिक समुदाय को प्रकृति से जुड़ने, नेतृत्व कौशल विकसित करने और आत्मबल अर्जित करने की प्रेरणा देता रहेगा।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
