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सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ अखबार के कर्मचारी का बयान दर्ज

राऊज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े जनकपुरी विकासपुरी हिंसा में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में एक हिन्दी अखबार के कर्मचारी का बयान दर्ज हुआ। दूसरे अखबार के कर्मचारी संपूर्ण दस्तावेज लेकर नहीं पहुंचे, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 23 सितंबर को दस्तावेज कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

सिख विरोधी दंगों के मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ दर्ज मामले के गवाह चंद्र किशोर उत्तराखंड के रहने वाले थे और उनकी मौत हो चुकी है। जांच अधिकारी ने चंद्र किशोर का मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल किया, जिसके बाद कोर्ट ने उनका नाम गवाहों की सूची से हटा दिया। दूसरे गवाह केपी सिंह गृह विभाग के विशेष सचिव हैं। तबीयत खराब होने की वजह से केपी सिंह कोर्ट में पेश नहीं हो सके। उसके बाद कोर्ट ने गवाह अब्दुल वाहिद को बयान दर्ज कराने के लिए 14 अक्टूबर के लिए समन जारी करने का आदेश दिया।

सज्जन कुमार के मामले में 12 अगस्त को दो अखबारों के कर्मचारियों श्री भगवान और बाला कृषण क्षेत्री के बयान दर्ज हुए थे। बयान में दोनों गवाहों ने 5 नवंबर, 1984 से लेकर 11 नवंबर, 1984 के अखबारों के क्लिपिंग की तस्दीक की थी, लेकिन दोनों गवाहों ने इन क्लिपिंग के साथ भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत जरुरी प्रमाण पत्र दाखिल नहीं किए थे। उसके बाद से सज्जन कुमार की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया कि दोनों अखबारों की खबरों की क्लिपिंग की प्रमाणित प्रति मंगाई जाए नहीं तो बाद में अभियोजन पक्ष उन खबरों को तकनीकी तौर पर साक्ष्य नहीं मानेगा।

सात जुलाई को सज्जन कुमार ने खुद को निर्दोष बताया था। सज्जन कुमार ने कहा था कि वो इस अपराध में सपने में भी शामिल नहीं हो सकता और मेरे खिलाफ एक भी सबूत नहीं है। 9 नवंबर 2023 को इस मामले के पीड़ित मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए थे। अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा था कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे, लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था।

कोर्ट ने 23 अगस्त, 2023 को सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया था। कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,153A, 295, 149, 307,308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। हालांकि, कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह

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