
लखनऊ, 2 जुलाई (Udaipur Kiran) । अपना दल (सोनेलाल) पार्टी में अंतरकलह अब खुलकर आ गई है। पार्टी के कई नेताओं को उनके विरोधी और बागी तेवर को देखते हुए पार्टी ने तीन साल के लिए निष्कासित कर दिया था। ऐसे नेताओं को उत्तर प्रदेश सरकार में दोबारा बोर्ड और अन्य जगह पर मनोनीत किए जाने पर घमासान मच गया है। प्रदेश अध्यक्ष जाटव आर.पी. गौतम ने बुधवार को ऐसे बागी पार्टी नेताओं के मनोनीत होने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर पद से हटाने की बात कही है।
प्रदेश अध्यक्ष जाटव आर.पी. गौतम ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में बताया कि अपना दल (एस) 2014 से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का प्रमुख घटक दल है तथा विगत वर्षों में सामाजिक न्याय एवं प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए सतत कार्य करता आ रहा है। इसी क्रम में अवगत कराना है कि पूर्व में अपना दल (एस) के कोटे से मोनिका आर्या पत्नी ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह को अपर शासकीय अधिवक्ता (राज्य सरकार) नामित एवं अरविन्द बौद्ध को पूर्वांचल विकास बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया था। अत्यंत खेद के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि उपर्युक्त दोनों पदाधिकारियों की गतिविधियां एवं आचरण विगत समय में संगठन के मूल सिद्धांतों, नीति, अनुशासन तथा गठबंधन धर्म के अनुरूप नहीं रहे हैं। इन्होंने पार्टी की छवि को क्षति पहुंचाने वाले वक्तव्यों एवं कार्यशैली अपनाया, जिससे संगठन की प्रतिष्ठा एवं विश्वसनीयता प्रभावित होने के कारण इन्हें पार्टी से तीन वर्ष पूर्व ही निष्कासित कर दिया गया था लेकिन संज्ञान में आया है कि अपना दल (एस) को विश्वास में लिए बिना ही मोनिका आर्या अपर शासकीय अधिवक्ता (राज्य सरकार) और अरविन्द बौद्ध सदस्य पूर्वांचल विकास बोर्ड को पुनः नए कार्यकाल के लिए नामित/मनोनीत कर दिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से दोनों को हटाने की मांग करते हुए कहा कि एनडीए में विश्वास और पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए तत्काल उचित निर्णय लिया जाए।
(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा
