
मंडी, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आमरण अनशन पर बैठे धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर को जूस पिलाकर उनका अनशन स्थगित करवाया। मंगलवार को मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से सोन खड्ड में आई बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद मुकेश अग्निहोत्री ने अधिकारियों से राहत एवं बहाली कार्यों की जानकारी प्राप्त की और सभी प्रभावितों को त्वरित राहत पहुंचाने के मौके पर ही निर्देश दिए। सबसे पहले उप-मुख्यमंत्री अवाहदेवी चौक पर पहुंचे और वहां राष्ट्रीय उच्चमार्ग के कार्यों में ढिलाई के विरोध में अनशन पर बैठे स्थानीय विधायक चंद्रशेखर से भेंट की।
उन्होंने विधायक को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा जनहित में उठाए गए मुद्दों पर प्रदेश सरकार पूरी गंभीरता के साथ कार्य कर रही है और केंद्र स्तर पर इसके हल के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उनकी अपील पर विधायक ने अपना अनशन स्थगित करने की घोषणा की। उप-मुख्यमंत्री ने उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया की उपस्थिति में चंद्रशेखर को जूस पिलाकर उनका अनशन स्थगित किया।
इस अवसर पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मंडी-जालंधर राष्ट्रीय उच्चमार्ग के असंतोषजनक एवं मानकों के विपरीत किए जा रहे कार्यों के विरोध में विधायक चंद्रशेखर और उनके साथी गत 9 दिनों से अनशन पर रहे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मॉर्थ) के अधीन इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण यह सड़क मार्ग लेह तक जाएगा। सरकाघाट व धर्मपुर क्षेत्र से गुजरने वाले इस राजमार्ग के कार्यों में गुणवत्ता पर स्थानीय जनता की ओर से समय-समय पर आवाज उठाई जाती रही है। इसके बारे में स्थानीय विधायक ने भी कई बार मुद्दा उठाया और निर्माण कार्य सही न होने बारे शिकायत भी संबंधित एजेंसियों से की है। विधानसभा सत्र के दौरान भी इस विषय पर चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला केंद्र सरकार से जुड़ा है और प्रदेश सरकार ने इस बारे में उच्च स्तर पर केंद्र से मुद्दा उठाया है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मॉर्थ इस कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करे और इस बारे में कैसे समन्वय स्थापित किया जाना है, इस पर भी केंद्र से चर्चा की जा रही है। यहां से गुजरने वाले लगभग 46 कि.मी. के राजमार्ग के हिस्से में कब तक कार्य पूरा होगा और इसकी गति तथा गुणवत्ता कैसी रहेगी, इस बारे में भी संबंधित एजेंसियों से ठोस आश्वसन मिलने पर ही यहां कार्य आगे बढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उचित आश्वासन मिलने तक इस यूनिट के अधीन कार्य बंद रखने पर भी विचार कर रही है और इस बारे में पत्राचार भी संबंधित अधिकारियों के माध्यम से किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कार्यों में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों को बदलने का मुद्दा भी केंद्र से उठाया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
