HimachalPradesh

प्रदेश सरकार ने किसानों से खरीदा 2,123 क्विंटल प्राकृतिक गेहूं, अब पांगी में शुरू होगी जौ की खरीद

फाइल फोटो : मुख्यमंत्री और मंत्री

शिमला, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों से 2,123.587 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। यह गेहूं पूरी तरह प्राकृतिक खेती पद्धति से उत्पादित किया गया था। इस गेहूं को प्रदेश के 22 खरीद केंद्रों से 838 किसानों से खरीदा गया है। सरकार ने किसानों को उनकी उपज का कुल 1.27 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि परिवहन सब्सिडी के रूप में अतिरिक्त 4.15 लाख रुपये दिए गए हैं। खरीदे गए गेहूं को अब आटा और दलिया के रूप में संसाधित किया जा रहा है, जिसे ‘हिम-भोग’ ब्रांड के तहत बाजार में उतारा जाएगा।

एक सरकारी प्रवक्ता ने ये जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक रूप से उत्पादित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर किसानों को लाभ पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। सरकार द्वारा गेहूं और जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम, मक्का के लिए 40 रुपये और कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि इसी क्रम में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने चंबा जिले के पांगी क्षेत्र के लोगों से किए अपने वायदे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए 8 अक्तूबर से प्राकृतिक रूप से उगाए गए जौ की खरीद शुरू करने की घोषणा की है। इस दूरदराज क्षेत्र में पहली बार सरकार द्वारा समर्थित जौ खरीद अभियान चलाया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पांगी घाटी के हुड़ान, सेचु, सुराल, किलाड़ और साच में पांच खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं तथा 80 किसानों ने योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण करवाया है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के हाथों में सीधे पैसा पहुंचाने के उद्देश्य से सोलन जिला के अर्की क्षेत्र से दो नई योजनाएं—दुग्ध प्रोत्साहन योजना और परिवहन अनुदान योजना—शुरू की गई हैं। इन योजनाओं के तहत दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को 3 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि तथा निजी दुग्ध समितियों को दूध संग्रहण व परिवहन के लिए 3 रुपये प्रति लीटर का अनुदान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आय में वृद्धि के साथ उपभोक्ताओं को रसायन-मुक्त और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top