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हिमाचल में गिर रहा स्कूलों का स्तर, पेंशनरों को मिल रही टेंशन: भाजपा

संदीपनी भारद्वाज: फाइल फोटो

शिमला, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी और कर्मचारियों को धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में स्कूलों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पहले जहां सरकारें स्कूलों को अपग्रेड किया करती थीं, वहीं अब स्कूलों को डिग्रेड किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में 12 सीनियर सेकेंडरी और हाई स्कूलों का दर्जा घटा दिया गया है। कुछ सेकेंडरी स्कूलों को हाई स्कूल और हाई स्कूलों को मिडल स्कूल बना दिया गया है।

संदीपनी भारद्वाज ने बुधवार काे एक बयान में कहा कि इस प्रक्रिया से सबसे अधिक प्रभावित जिला शिमला रहा है, जहां 22 स्कूलों को इस सूची में शामिल किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले प्रदेश में करीब 1200 सरकारी स्कूल बंद किए जा चुके हैं और इन्हें आसपास की पाठशालाओं में मर्ज कर दिया गया है। जीरो एनरोलमेंट वाले लगभग 450 स्कूलों को बंद किया गया, जबकि कम छात्र संख्या वाले 750 स्कूलों को पास की अन्य पाठशालाओं में मिलाया गया। यह स्थिति प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की गिरती हालत को दर्शाती है, जो भविष्य के लिए चिंता का विषय है।

भाजपा प्रवक्ता ने राज्य सरकार पर कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी का भी गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश के कर्मचारियों को पेंशन बहाली और अन्य लाभों का भरोसा दिलाया था, लेकिन सरकार बनने के बाद इन वादों को भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में पेंशनरों को समय पर पेंशन नहीं मिल रही है और लगभग 1301 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान सरकार पर बकाया है।

संदीपनी भारद्वाज ने बताया कि जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्हें न तो समय पर पेंशन मिल रही है और न ही सेवानिवृत्ति लाभ। इससे साफ है कि कांग्रेस सरकार ने पेंशन की जगह कर्मचारियों को टेंशन दे दी है। उन्होंने कहा कि पेंशनर बार-बार सरकार से अपनी मांगें रख रहे हैं लेकिन सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि जनवरी 2016 से लेकर जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए लगभग 43 हजार कर्मचारियों को सरकार ने अब तक एरियर का भुगतान नहीं किया है। पांच अलग-अलग प्रकार के भुगतानों पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक, हर पेंशनर का औसतन करीब दस लाख रुपये सरकार के पास लंबित हैं, जिससे करोड़ों रुपये सरकार के पास फंसे हुए हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने सरकार से मांग की कि वह स्कूलों की गिरती स्थिति पर ध्यान दे और पेंशनरों को उनका हक तुरंत दे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द सुधार नहीं किया, तो भाजपा सड़कों पर उतरकर कर्मचारियों और छात्रों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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