
लखीमपुर खीरी, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्राचीन ऐतिहासिक दशहरा मेला के दशम दिवस पर मेला मंच पर जब “अवध संध्या” का परचम लहराया तो मानो लखीमपुर की धरती पर लोक संस्कृति की सौंधी खुशबू साेमवार की देर शाम काे बिखर गई। भारतीय अवधी समाज के संयोजन में आयोजित यह सांस्कृतिक संध्या अवध की परंपराओं, लोकसंगीत और मर्यादा की भावना को समर्पित रही।
दीप प्रज्ज्वलन के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका परिषद की अध्यक्षा एवं संस्थाध्यक्ष डॉ. इरा श्रीवास्तव ने की, जबकि मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही ने समाजसेवियों और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। कारागार मंत्री ने कहा कि
“अवध की माटी में सुर, श्रृंगार और संस्कार की त्रिवेणी बहती है।” कार्यक्रम के प्रारंभ में पालिका की ओर से “समाजसेवी सम्मान” समारोह के अंतर्गत श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा लखीमपुर के संरक्षक राजीव रतन खरे, शशिकांत श्रीवास्तव, अध्यक्ष डॉ. ओ.पी. श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष प्रदीप सक्सेना व मुकेश तथा यूपी पेंशनर्स कल्याण संस्था के महामंत्री नरेश चंद्र वर्मा जैसे समर्पित समाजसेवियों को विशेष सम्मान से अलंकृत किया गया। इसके उपरांत भारतीय अवधी समाज के महासचिव डॉ. प्रदीप कुमार गुप्ता के संयोजन में मंच पर उतरे प्रसिद्ध लोकगायक दिवाकर द्विवेदी, जिन्होंने “मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम” की आराधना से संध्या का प्रारंभ कर सुरों की ऐसी सरिता प्रवाहित की कि पूरा मेला पांडाल भक्ति, आनंद और गर्व के रंगों से भर उठा।
अवधी कलाकारों की एक के बाद एक प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट साेमवार देर रात तक गूंजती रही, जैसे अवध की आत्मा स्वयं झूम उठी हो। इस दौरान जब मंत्री सुरेश राही को स्वर्गीय पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रद्धेय रामलाल राही का हस्तनिर्मित चित्र भेंट किया गया, तो क्षणभर के लिए भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा। मंत्री की आंखों की नमी ने मानो “रिश्तों की जड़ों में बसे स्नेह” का परिचय दिया।
इस दौरान अवधी साधक एवं आराधक डॉ. पीके गुप्ता ने कारागार मंत्री, पालिकाध्यक्षा एवं पूर्व विधायक का अंग वस्त्र पहनाकर सम्मान किया। साथ ही अवध की साैंधी संस्कृति का उल्लेख भी किया। उद्घाटन सत्र के मंच संचालन की गरिमा को अपनी ओजस्वी वाणी से समाजसेवी, साहित्यकार राममोहन गुप्त ने सजाया। आभार ज्ञापन अधिशासी अधिकारी संजय कुमार ने किया।
उधर, मेला परिसर दूधिया रोशनी से नहाया हुआ, झूलों पर झूमते बच्चे, चाट-पकौड़ी की खुशबू में घुला लोक उत्सव सब मिलकर उस दृश्य को स्वर्णिम बना रहे थे। हर कोना “लोकल फॉर वोकल” के भाव से दमकता दिखा, जैसे तराई और अवध की मिट्टी एकसाथ गुनगुना रही हो, “जहां गीतों में गंगाजल और सुरों में संस्कार बसता है।”
कार्यक्रम में पूर्व विधायक महेंद्र सिंह, ब्लॉक प्रमुख दिव्या सिंह, मेलाधिकारी समरा सईद, मेलाध्यक्ष कौशल तिवारी, जेलर, मधुलिका त्रिपाठी, हरिप्रकाश त्रिपाठी, डॉ. वी. बी. धुरिया, डॉ नमिता विश्वास, श्वेता शर्मा, इंजी. दुर्गेश वर्मा सहित नगर के अनेक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की।
—————
(Udaipur Kiran) / देवनन्दन श्रीवास्तव
