

गोरखपुर, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित ग्राम सभा मठिया में आयोजित नव दिवसीय श्री श्री 108 रुद्र महायज्ञ का आयोजन श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक चेतना का अनूठा संगम बन गया। इस भव्य आयोजन के दौरान जहां एक ओर शिव-पार्वती विवाह एवं शिव बारात की झांकी ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया, वहीं दूसरी ओर रामलीला के विभिन्न प्रसंगों ने रामकथा को जीवंत कर दिया।
शिव बारात में झलकी आध्यात्मिकता और रहस्य
पं. जे. पी. व्यास ने कथा वाचन के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह प्रसंग को अत्यंत रोचक एवं भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने शिव बारात के अनोखे स्वरूप—भूत, प्रेत, नाग, राक्षस और योगियों के साथ बारात—का वर्णन कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
शिव की वेशभूषा—भस्म से लिप्त शरीर, जटाओं में गंगा, गले में नाग और माथे पर चंद्रमा—श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही। पूरा पंडाल हर हर महादेव के जयघोष से गूंजता रहा।
रामलीला मंचन ने छू लिया भावनाओं का तार
जय मां आदि शक्ति रामलीला मंडल द्वारा प्रस्तुत रामलीला में सीता हरण, भरत मिलाप और रामराज्याभिषेक जैसे प्रसंगों का अत्यंत जीवंत मंचन किया गया। आठवें दिन के सीता हरण दृश्य में रावण, मारीच और सूर्पणखा के प्रभावशाली अभिनय ने दर्शकों को भावविह्वल कर दिया।
भरत मिलाप में छलका भक्ति और प्रेम का सागर
यज्ञ के अंतिम दिन भरत मिलाप और रामराज्याभिषेक के भावनात्मक दृश्य ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन पर भरत एवं समस्त अयोध्यावासियों द्वारा किए गए स्वागत दृश्य और राम के राजतिलक ने उपस्थित जनसमूह को भक्तिरस में सराबोर कर दिया।
रात्रि भजन संध्या और पूर्णाहुति से हुई समापन की ओर यात्रा
भजन गायक सच्चिदानंद पांडे द्वारा प्रस्तुत भजनों ने रात्रि में भक्तों को गहरे भक्ति भाव में डुबो दिया। आयोजन के अंतिम दिन पूर्णाहुति के साथ हवन सम्पन्न हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने आहुति अर्पित कर यज्ञ को पूर्णता प्रदान की।
सांस्कृतिक समरसता का सशक्त संदेश
इस आयोजन में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक समरसता और एकता का संदेश भी दिया गया। आयोजन में ग्राम प्रधान चंद्रिका सिंह, पूर्व जिला पंचायत प्रत्याशी राणा प्रताप सिंह, गिरधारी पांडेय, श्रवण सिंह, राजू सिकंदर, भोजपुरी गायक रिंटू पांडे, रंजीत, सुनील सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
साथ ही क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं ने पूरे आयोजन में सहभागिता कर इसे ऐतिहासिक बना दिया।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
